सेब के कारोबार में भी आईं कमी
- 151050057 - BHARAT SINGH SENGAR
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फलों में सबसे अधिक कीमत और अहमियत रखने वाले सेब का बा़जार लॉकडाउन के करण इस बार सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया है। झाँसी फल मण्डी के सेब व्यापारियों का दिल कोल्ड स्टोर में सैंकड़ों टन सेब को देखकर बैठा जा रहा है। व्यापारियों ने सरकार से मण्डी शुल्क माफ कर पूर्व में जमा कराई राशि वापस करने की माँग की है।
कोरोना वायरस ने देश के प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी तरीके से आर्थिक क्षति पहुँचायी है। कोरोना की ़जद में आने से फल मण्डी के सेब व्यापारियों को सबसे अधिक नु़कसान उठाना पड़ा है सम्पूर्ण लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की थोक व फुटकर दुकानों को खोले जाने की सशर्त अनुमति दे दी गई, लेकिन नगर के बाकी इलाकों में लॉकडाउन होने के चलते सेब व्यापारियों को भारी नु़कसान उठाना पड़ा है। पिछले साल जिस सेब से व्यापारियों ने लाभ कमाया, अब वही सेब उनकी चिन्ता का कारण बन गया है।
फुटकर दुकानदारों की पौ-बारह
एक तरफ जहाँ सेब के थोक व्यापरियों को लॉकडाउन ने आर्थिक झटका दिया है तो दूसरी तरफ फुटकर विक्रेताओं को सेब की कीमत कम होने का दोगुना लाभ हो रहा है। थोक व्यापारी बताते हैं कि स्टोर में माल खराब न हो, इसके लिए उसे 30 से 50 रुपये प्रति किलो में बेचना पड़ रहा है। वहीं, फुटकर दुकानदार और हाथ ठेला वाले वही सेब ग्राहक को 100 रुपये प्रति किलो के रेट में दे रहे हैं।