गाँव में किया गया दशा माता की पूजा
मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के खाचरौद थाना क्षेत्र के हर गाँव में महिलाओं ने अपने घर की दशा सुधारने और सुख-शांति के लिए व्रत किया, बतादे कि रैदास कॉलोनी स्थित शीतला माता मंदिर पर दशामाता पूजन और व्रत परिवार को समस्याओं से मुक्ति प्रदान करने के साथ-साथ सुख, समृद्धि और सफलता देने वाला होता है। परिवार में आर्थिक स्थिति सुधारने और सुख-शांति के लिए महिलाएं दशा माता की पूजा करती हैं।
इस दिन महिलाएं कच्चे सूत का 10 तार का डोरा लाकर उसमें 10 गांठ लगाती हैं और पीपल वृक्ष की कुमकुम, मेहंदी, लच्छा, सुपारी आदि से पूजा के बाद वृक्ष के सूत लपेटेंगी। पीपल के पेड़ की पूजा करेंगी। डोरे की पूजा करने के बाद पूजा स्थल पर नल दमयंती की कथा सुनी जाती है। इसके बाद इस डोरे को गले में बांधती हैं। पूजन के बाद महिलाएं घर पर हल्दी कुमकुम के छापे लगाती है। व्रत रखते हुए एक ही समय भोजन ग्रहण करती हैं। भोजन में नमक का प्रयोग नहीं करती हैं। इस दिन घर की साफ.-सफाई करके अटाला, कचरा सब बाहर फेंकने से घर की दशा सुधरती है। दशामाता का व्रत जीवन में जब तक शरीर साथ दे तब तक किया जाता है। साथ ही सफाई से जुड़े समान यानी झाड़ू आदि खरीदने की परंपरा है। मान्यता है कि दशामाता व्रत को विधि-विधान से पूजन व्रत करने पर एक साल के भीतर जीवन से जुड़े दुख और समस्याएं दूर हो जाती हैं। मंदिर पर पूजा करने के बाद महिलाओं ने कथा भी सुनी, तो वहीं वहां के स्थानीय पुजारी ने बताया की सुबह 6:00 से शाम4:00 बजे तक हर रोज पूजा की जाती है। नापाखेड़ी से मुरलीदास बैरागी की रिपोर्ट 151111637