ये स्वच्छ भारत हैं ,ये गॉव हैं और ये मजबूर ग्रामीण हैं
- 151110606 - MOHAMMAD SHAHEED
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भारत जहाँ लगातार स्वच्छता को लेकर तरह तरह के कार्यक्रम किये जा रहे हैं ,तो वही पीएम मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं तब से सबसे ज्यादा अगर किसी पर ज्यादा जोर दिए हैं तो वो मात्र और मात्र स्वच्छता ही हैं ,जिसका असर भी लोगो को देखने को मिल रहा हैं ,तो वही स्वच्छता अभियान के तहत हजारो गॉव अभी तक ODF मुक्त भी हो चुके हैं , लेकिन जनाब मामला तब फसता हैं जब इन दावों की हकीकत को धरातल पर देखने की बारी आती हैं ,जी हा कुछ ऐसा ही मामला एक बार फिर उजागर हुआ हैं ,जहाँ दावे तो हजार किये गये हैं लेकिन सच्चाई इसके विपरीत नजर आ रही हैं ,
जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ उत्तराखंड के जिला ऊधम सिंह नगर के विकास खण्ड बाजपुर की जहाँ भले ही सरकार विकास के लाख दावे करती हो पर सरकार के विकास के सारे दावे खोखले नजर आते हैं ,अगर मैं केवल ग्राम पंचायत बेरियादौलत क्षेत्र की बात करू तो सिर्फ और सिर्फ वहां 40 से 50 ऐसे परिवार हैं जिनके घरों में अभी तक कोई भी शौचालय नहीं थे। तो वही अधिकांश परिवारों के समक्ष आवास की भी समस्या देखी गई। ऐसे में जब इन परिवारों से बात की गई तो सरकार व सरकारी सिस्टम के खिलाफ उनका दर्द खुलकर सामने आ गया। बतादे कि विकास खण्ड बाजपुर के ग्राम पंचायत बैरिया दौलत जहाँ ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर है। ना ही उनके पास पक्के मकान है और ना ही शौचालय |
ऐसे में आज भी महिलाओ को सौच के लिए जंगल में जाना पड़ता है। तो वही ग्रामीणओ ने ये भी आरोप लगाया की वो फॉर्म तो भरते हैं लेकिन शौचालय के लिए पैसा आजतक नहीं आया | इसी प्रकार बेरिया दौलत हाल्ट, बुक्सार, हरिजन कालोनी, लालपुरी, कल्याणपुरी, खतौली, मझरा पच्चू, तोता बेरिया जैसे सभी ग्रामों में अभी भी तमाम परिवारों को खुले में शौच करने को मजबूर हैं | देखें बाजपुर से मोहम्मद शहीद की रिपोर्ट