महिलाओं का सम्मान देश का सम्मान - नरेन्द्र कुमार एनके
फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया रामपुर।
आज की महिला निर्भर नहीं है। वह आत्मनिर्भर और स्वतंत्र है और पुरुषों के बराबर सबकुछ करने में सक्षम भी है। हमें महिलाओं का सम्मान जेंडर के कारण नहीं, बल्कि स्वयं की पहचान के लिए करना होगा। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का जन्म 8 मार्च 1908 को हुआ था, हमें यह स्वीकार करना होगा कि घर और समाज के लिए पुरुष और महिला दोनों समान रूप से योगदान करते हैं। इस जीवन को लाने वाली महिला है, चाहे वह घर हो या ऑफिस में । वह अपने आस - पास की दुनिया में बदलाव ला रही है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं का सम्मान सिर्फ महिला दिवस पर ही नहीं रहना चाहिए। आए दिन महिलाओं पर होने वाले अत्याचार खत्म होने चाहिए उन्हें आत्मरक्षा के लिए जागरूक करना चाहिए। क्योंकि महिलाओं के बिना इस दुनिया की कल्पना करना ही असंभव है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर इस दुनिया को खूबसूरत बनाने में उनका ही सर्वाधिक योगदान है।