हापुड़ में गणतंत्र दिवस पर की गई सुंदर पहल
- 151123061 - HARISH KUMAR
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*72 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर चंद्रकिरण कश्यप जी ने देशवासियों को दिया संदेश*
जहां प्रेम की भाषा है सर्वोपरि धर्म की आशा है सर्वोपरि ऐसा ही हमारा देश हैं हिंदुस्तान जहां देशभक्ति की भाषा है सर्वोपरि
राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति इकाई उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग के प्रदेश सचिव चंद्र किरण कश्यप जी ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए बताया कि 26 जनवरी 1950 को 10:18 मिनट पर देश में संविधान लागू किया गया। जिसके बाद हमारा देश गणतंत्र देश बन गया। जिसके 6 मिनट बाद 10:24 पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इस दिन पहली बार देश के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से बाहर निकले थे। आपको बता दें कि हमारे देश का संविधान 2 साल 11 महीने 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था। संविधान को लागू करने का समय 26 जनवरी ही इसलिए रखा गया था क्योंकि 1930 में कांग्रेस के अधिवेशन में भारत को पूर्ण स्वर्णराज की घोषणा की थी।यह गणतंत्र दिवस हमें हमारे वीरो और अनेक संघर्षों की याद दिलाता है कि किस तरह भारत राष्ट्र को कांग्रेस ने हमारे युवाओं की मदद से राष्ट्र को पूर्ण स्वर्ण राज की मांग को प्राप्त किया था। यह हम सभी के लिए गौरव का दिन है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर भव्य गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें राष्ट्रपति जी के द्वारा झंडा फहराया जाता है।इस समय राष्ट्रगान और ध्वजारोहण के साथ इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है। अशोक चक्र व कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं। राजपथ पर निकलने वाली झांकियों में भारत की विभिनता में भी एकता की झलक दिखती है। इस परेड में भारत की तीनों सेनाएं नौसेना, थल सेना और वायु सेना की टुकड़ी शामिल होती है। हर वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह पर पूरी दुनिया की नजर रहती है। पूरे भारत में गणतंत्र दिवस एक त्यौहार से कम नहीं है। पूरे देश में जाति और धर्म की परवाह किए बिना सभी खुशी के साथ मुस्कुराते हैं। इस बात को बताने के लिए यात्रा में तिरंगा शामिल किया जाता है कि भारत एक ऐसा राष्ट्रीय है जहां अनेकता में भी एकता मनाई जाती है। इस पर्व को राजधानी दिल्ली के राजपथ पर खासतौर से बनाया जाता है। जिसमें देश के गणमान्य व्यक्ति जैसे देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अनेक मंत्रिमंडल के सदस्य भाग लेते हैं। राजपथ पर राज्यों की झांकियों के अलावा भारतीय सैनिकों की ताकत की झलक भी दिखाई जाती है। चंद्र किरण कश्यप जी ने यह भी कहा है कि अगर देश भ्रष्टाचार मुक्त देश होता है तो सुंदर मस्तिष्क का राष्ट्र बनता है। उनका मानना है कि इसके तीन प्रधान सदस्य हैं, जो अंतर पैदा कर सकते हैं, वह है माता-पिता और गुरु। भारत के एक नागरिक के रूप में हमें इसके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए सभी मुमकिन प्रयास करने चाहिए। हमें जिम्मेदारी लेनी चाहिए तथा सामाजिक मुद्दे जैसे गरीबी बेरोजगारी अशिक्षिता असमानता भ्रष्टाचार आदि से अवगत रहना चाहिए। अपने स्तर से योगदान देना चाहिए। वीरों के बलिदान की कहानी है यें जलियांवाला बाग लालो की निशानी है।
*यूं लड़ लड़ कर तबाह ना करना देश को देश है कीमती, धर्म के नाम पर नीलाम ना करना देश को!*
पिछले 72 सालों से हम गणतंत्र दिवस मनाते आ रहे हैं। यह दिन हमारे लिए बहुत गर्व का दिन भी हैं। जिसे भारत का हर नागरिक बड़े उत्साह से मनाता है। लेकिन देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो देश के जवानों की शदाहत को याद न करते हुए इसे एक अवकाश के रूप में मनाते हैं। जो एक बहुत ही दुर्भाग्य की बात है। बल्कि यह एक छुट्टी का दिन नहीं उन सभी तमाम जवानों की शहादत को याद करने का है, जिन्होंने इस देश को गणतंत्र बनाने के लिए अपने प्राणों की हंसते-हंसते आहुति दे दी। ब्यूरो चीफ फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया जिला हापुड़