आज का हिन्दू पंचांग
- 151036774 - SUBASH CHANDER
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🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 17 जनवरी 2021*
⛅ *दिन - रविवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2077*
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - पौष*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - चतुर्थी सुबह 08:08 तक तत्पश्चात पंचमी*
⛅ *नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद पूर्ण रात्रि तक*
⛅ *योग - वरीयान् रात्रि 06:34 तक तत्पश्चात परिघ*
⛅ *राहुकाल - शाम 04:57 से शाम 06:19 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19*
⛅ *सूर्यास्त - 18:17*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -*
💥 *विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *घर का मुखिया* 🌷
👴🏻 *घर का मुखिया अगर दक्षिण-पश्चिम के कमरे में रहता हो तो घर सुखी रहता है |*
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🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *सर्दियों के लिए बल व पुष्टि का खजाना* 🌷
👉🏻 *रात को भिगोयी हुई १ चम्मच उड़द की डाल सुबह महीन पीसकर उसमें २ चम्मच शुद्ध शहद मिलाके चाटें | १ - १.३० घंटे बाद मिश्रीयुक्त दूध पियें | पूरी सर्दी यह प्रयोग करने से शरीर बलिष्ठ और सुडौल बनता है तथा वीर्य की वृद्धि होती है |*
👉🏻 *दूध के साथ शतावरी का २ – ३ ग्राम चूर्ण लेने से दुबले-पतले व्यक्ति, विशेषत: महिलाएँ कुछ ही दिनों में पुष्ट जो जाती हैं | यह चूर्ण स्नायु संस्थान को भी शक्ति देता हैं |*
👉🏻 *रात को भिगोयी हुई ५ – ७ खजूर सुबह खाकर दूध पीना या सिंघाड़े का देशी घी में बना हलवा खाना शरीर के लिए पुष्टिकारक है |*
👉🏻 *रोज रात को सोते समय भुनी हुई सौंफ खाकर पानी पीने से दिमाग तथा आँखों की कमजोरी में लाभ होता है |*
👉🏻 *आँवला चूर्ण, घी तथा शहद समान मात्रा में मिलाकर रख लें | रोज सुबह एक चम्मच खाने से शरीर का बल, नेत्रज्योति, वीर्य तथा कांति में वृद्धि होती है | हड्डियाँ मजबूत बनती हैं |*
👉🏻 *१०० ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को २० ग्राम घी में मिलाकर मिट्टी के पात्र में रख दें | सुबह ३ ग्राम चूर्ण दूध के साथ नियमित लेने से कुछ ही दिनों में बल-वीर्य की वृद्धि होकर शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है |*
👉🏻 *शक्तिवर्धक खीर : ३ चम्मच गेहूँ का दलिया व २ चम्मच खसखस रात को पानी में भिगो दें | प्रात: इसमें दूध और मिश्री डालकर पकायें | आवश्यकता अनुसार मात्रा घटा-बढ़ा सकते हैं | यह खीर शक्तिवर्धक है |*
👉🏻 *हड्डी जोडनेवाला हलवा : गेहूँ के आटे में गुड व ५ ग्राम बला चूर्ण डालके बनाया गया हलवा (शीरा) खाने से टूटी हुई हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है | दर्द में भी आराम होता है |*
👉🏻 *सर्दियों में हरी अथवा सूखी मेथी का सेवन करने से शरीर के ८० प्रकार के वायु-रोगों में लाभ होता है |*
👉🏻 *सब प्रकार के उदर-रोगों में मठ्ठे और देशी गाय के मूत्र का सेवन अति लाभदायक है | (गोमूत्र न मिल पाये तो गोझरण अर्क का उपयोग कर सकते है।