आस्था के साथ मनाया गया छठ पर्व
- 151019049 - VISHAL RAWAT
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फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया ब्यूरो रिपोर्ट
प्रतापगढ़।छठ महापर्व का आज उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही समापन हो गया। कठिन व्रत को उठाने वाली महिलाएं ने आज सुबह सई नदी तट पर सूर्य की पहली किरणों के साथ भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपने इस कठिन व्रत को पूरा किया।प्रतापगढ़ भगवान सूर्य देव के इंतजार में सई नदी में खड़ी व्रती महिलाओं की तरफ से बार-बार यही अनुरोध किया जा रहा था, हे भगवान भास्कर जल्द निकलिए और हमारे इस कठिन व्रत को पूर्ण कर हमें आशीर्वाद प्रदान कीजिऐ। छठ महापर्व का आज उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही समापन हो गया है। कठिन व्रत को उठाने वाली व्रत महिलाएं आज सुबह बेल्हा देवी सई नदी के तट पर सूर्य की पहली किरणों के साथ भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर अपने इस कठिन व्रत को पूरा किया है।महिलाओं ने पूर्ण किया छठ कड़ा व्रत रखने के बाद श्रद्धालुओं ने कार्तिक शुक्ल सप्तमी शनिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने इस व्रत को पूर्ण किया है। प्रतापगढ़ के मां बेल्हा देवी सई नदी के तट पर, वरुणा और अन्य कुंड तालाबों पर छठ व्रत का अंतिम अर्घ्य देने के लिए आस्था का जन सैलाब उमड़ा था। शुक्रवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर महिलाओं ने अपने इस व्रत को आस्था पूर्ण किया था, और शनिवार की सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर अपने इस व्रत को पूर्ण कर भगवान भास्कर से व्रती महिलाओं ने सर्व मंगल की कामना की।महिलाओं ने पूर्ण किया छठ व्रत धीरे-धीरे आसमान में बढ़ी लालिमा और आये सूर्य देव शनिवार की सुबह जैसे-जैसे अर्घ्य का वक्त नजदीक आता गया वैसे-वैसे महिलाओं के अंदर उत्साह और उमंग बढ़ता चला गया। भगवान सूर्य की लालिमा आसमान में नजर आई तो हर हर महादेव का जयघोष और छठी मैया के जय के जय घोष के साथ लोगों ने गंगा में डुबकी लगाना शुरू कर दिया. लगभग 1 घंटे पहले ही महिलाएं जल में उतर गईं थी महिलाओं ने डुबकी लगाकर भगवान सूर्य का इंतजार करते हुए भीषण ठंड में भी पानी में खड़े होकर यह साबित कर दिया कि आस्था हमेशा सर्वोपरि है. उसके आगे कुछ भी नहीं दिखता। शायद यही वजह है कि के निर्जला व्रत के कारण पहले ही महिलाओं के अंदर न सिर्फ उत्साह दिखाई दिया, बल्कि उनके चेहरे पर एक चमक भी देखने को मिली वहीं इस बार कोविड-19 की वजह से तमाम रोक-टोक के बावजूद भी मां बेल्हा देवी सई नदी घाटों पर जबरदस्त भीड़ उमड़ी और आस्था पूरी तरह से कोविड-19 पर भारी दिखाई दी।