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हद तो बहुतों ने देखे पर ये हद कुछ अलग है
  • 151045782 - KAPINJAL PATHAK 0



यूपी के कुशीनगर जिले के तरया सुजान थाने के बहादुरपुर चौकी के समीप से जो 6 ट्रंको से 250 पशुओं की बरामदगी हुई पुलिस की कार्य सराहनीय है वाकई तरया सुजान पुलिस तारीफ के क़ाबिल है। क्योंकि लोगों की माने तो इतनी बड़ी बरामदगी इससे पहले नही हुई थी। लेकिन बरामदगी के बाद से तो तमाम लोगों ने हद कर दी। जी हां जिनकी सत्ता है यानी सत्ताधारी दल के नेता 500 रुपये के कार्ड और 800 रुपये माइक के व्हाट्सएप और यूट्यूबर तथाकथित पत्रकार और तमाम संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष ,राष्ट्रीय अध्यक्ष उपाध्यक्ष जिसे तमाम पदों पर आसीन विख्यात लोगों का पहले दिन से ही फ़ोन आना शुरू हो गया हेलो दरोगा जी से नमस्कार, परिचय और अपने बड़े बड़े रसूखों के बारे में बताना शुरू हो जाते, अब दरोगा जी का क्या जो आया उनकी सुनते गए, दरोगा जी से बताते गए कि फलाने पार्टी का कार्यकर्ता हूँ इस पद पर हूँ मेरे कार्यकर्ताओं को गाय जरूर मिलनी चाहिए, अब जब गायों का ट्रंको से उतरने सिलसिला जारी हुआ तब जल्दी जल्दी आम आदमी से लेकर कार्यकर्ता लोग भी जल्दी जल्दी अपने अपने गायों की रस्सी पकड़ कर उसे एकांत में बांधने लगे और वो तय कर लिए की ये अब मेरे हाथों मे रस्सी आ गई अब तो गाय माता मेरी हो गई। लोग गायों को खिलाने पिलाने लगे उसकी सेवा सत्कार करने लगे और सेवा ऐसी की मानो पूरी तरह उसके ही ख्यालों में डूबे रहे। गायों के आगे न तो कोरोना जैसे महामारी की चिंता थी न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा था और तो और महज़ 5% लोगों ने मास्क लगाया था। वहां मौजूद हज़ारो की संख्या थी पूरा थाना कैम्पस गाड़ियों और आदमियों से भरा पड़ा था पुलिसकर्मी उन्हें निकालने का प्रयास तो करते थे लेकिन फिर लोग आ जाते थे। धीरे धीरे शाम हो रही थी जल्दी जल्दी कई दरोगा जी लोग आगे की कार्रवाई में जुटे रहे जल्दी जल्दी कार्रवाई कर प्रेस रिलीज़ जारी किए। लेकिन अब तक यह तय नही हुआ था कि यह गायें कहा जाएंगी क्योंकि थानाध्यक्ष का तमाम लोगों से कहना था कि जो उच्चधिकारी का दिशा निर्देश होगा उसी के मुताबिक किया जाएगा ।लेकिन भीड़ है कि हटने का नाम नही ले रही थी घटने के बजाए और बढ़ रही थी अब स्थिति को देखते हुवे पीएसी भी आ गई, पीएसी भीड़ को हटाने लगी और थानाध्यक्ष ने कहा कि आप सभी अपने अपने घर जाइये जैसे होगा कल बताया जाएगा अब लोग निराश होकर लेकिन कल की उम्मीद को लेकर लोग अपने अपने घर गए। लेकिन उसमे से भी कुछ लोग थाने के बाहर सोये रहे कि सुबह मै जल्दी उठ के ले लूंगा या फिर अगर रात को कही निकले तो मुझे भी मिल जाएगी। अब दूसरे दिन भी यही हुवा सुबह लोग जल्दी जल्दी आकर अपने अपने गायों को खिलाने लगे और उनके सेवा में जुट गए, अगर उन गायों के पास अगर कोई तीसरा व्यक्ति आकर पूछ भी लेता उस गाय के बारे में तो वो व्यक्ति तुरन्त झगड़ा करने लगता। सुबह सुबह तो तमाम क्षेत्र के पूर्व मण्डल अध्यक्ष, वर्तमान पदाधिकारी लोग जल्दी जल्दी थाने पर पहुच कर जो कल से रस्सी पकड़ कर घर लेकर जाने के उम्मीद में थे उनसे छीना झपटी कर उसे अपने कब्जे में लेकर एकांत में बंधवा कर उसे अपने लोगों के हवाले कर दिए और अगर उन लोगों से गाय को लेकर कोई कुछ कहता तो उनके आदमी कहते थे कि ये फलाने नेता की गाय है इसे मत छुओ और अगर कोई आम आदमी जबर्दस्ती करता तो तुरंत उनके आदमी नेता जी को बुलाकर नेतागिरी वाली भाषा मे समझा देते थे। कुछ गाये मरी थी उन्हें दफनाने का सिलसिला भी जारी हुआ और जल्दी जल्दी उन्हें दफना भी दिया गया। अब धीरे धीरे भीड़ और ज्यादा बढ़ रही थी तभी एक सिपाही ने लोगो से आधार कार्ड लेना शुरू किया आधार देने के लिए लोग एक दूसरे पर टूट पड़े उसे जमाकर उस सिपाही ने वहां मौजूद एक टेबल पर रख दिया अब जो लोग आते वो अपना आधार टेबल पर ही रख जाते। मौके पर एसडीएम और सीओ भी आ गए थे। अब उनके साथ थानाध्यक्ष ने विचार कर ये तय किया कि नेताजी और पत्रकार लोग अपना अपना लिस्ट दे दें जिन्हें लेना है। अब वहां मौजूद पत्रकारों ने तो इससे इंकार कर दिया लेकिन नेताजी लोगों का लिस्ट बनना सुरु हो गया, दो मण्डलों के नेतागण अपने अपने लोगों का लिस्ट तैयार करने लगे। थोड़ी देर बाद थानाध्यक्ष द्वारा ऐलान किया गया कि अब गाय किसी को नही मिलेंगी सारी गायें गौशाला जा रही है। अब सब लोग कैम्पस को खाली कर दें अब इस बात को सुनकर धीरे धीरे लोग खाली भी करने लगे। लेकिन फिर थोड़ी देर बाद सूचना मिली कि गाय गौशाला नही जाएंगी क्योंकि गौशाला वालों ने लेने से मना कर दिया है। अब फिर से भिड़ जमा होने लगी, थाने के अंदर कुछ सिपाही अपने खास लोगों की भी लिस्ट तैयार कर रहे थे। तभी बाहर घूमते घूमते मेरे एक सहयोगी द्वारा बताया कि बाहर कुछ कुत्ते एक मृत बछड़ा को नोच नोच कर खा रहे है फिर मै वहां तुरन्त पहुँचा और उसे देखा उसे देख कर बहुत दुख हुआ क्योंकि इसी गाय के नाम पर ये सत्ताधारी नेता सियासत करते है और इस हालत में यहां गाय है तो इन्हें दिखाई तक नही दे रहा है, मै उस दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर लिया, फिर मै चलता बना, अब मामला आगे बढ़ता गया उच्च अधिकारियों के समक्ष से ये फैसला आया कि अब लक्की ड्रा के अनुसार ही लोगों को गायें मिलेंगी तमाम लोगों ने अपने अपने जो आधार कार्ड दिए थे उसे एक में मिला दिया गया फिर जिले के पशु चिकित्सक अधिकारी ने बारी बारी से 100 लोगों का नाम निकाला और जो शेष गाय बची थी उसे सम्भ्रान्त लोग नेताजी तथाकथित पत्रकार लोगों के लिए रखा गया, अब धीरे धीरे सिलसिला जारी हुआ, जिनका नाम निकला था उनमे से कई लोगों के पास तो गाय ही नही थी क्योंकि पहले ही गायों पर लोगों ने कब्जा कर रखा था अब अगर कोई लेने जाता तो लोग उससे झगड़ा करने लगते, मारपीट पर उतारू हो जाते है तमाम नेताओ और आदमी के साथ झड़प हुई। जिनमे कई लोगों ने वीडियो भी बनाया। अब एक नेताजी तो इतने खुन्नस खाये की एसडीएम के पास आकर पत्रकारों को बुरा भला कहने लगे बताने लगे कि भाजपा कार्यकर्ताओं को गाय नही मिल रही है, और बताने लगे कि पत्रकार लेकर जा रहे हैं जबकि वहा मौजूद आधा दर्जन से ऊपर पत्रकार इस बात का विरोध किये और उस नेता की उसको आइना दिखाया। जबकि नेता जी का नाम लक्की ड्रा में भी आया था फिर भी उन्हें गाय नही मिली ये तो समझ से परे हैं। गायों को सुपुर्द करते करते रात हो गई लक्की ड्रा वालों को बांटने के बाद जिले के पदाधिकारी की उपस्थिति हुई और तमाम नेताओ की लिस्ट थानाध्यक्ष को दिया गया तब सभी कार्यकर्ताओं को गाय सुपुर्द किया गया और खुशी के साथ अपने अपने घर को गए मध्य रात्रि तक एसडीएम तमकुहीराज और सीओ मौजूद रहे मध्य रात्रि में दोनों अधिकारी अपने आवास को निकले, अधिकारियों के निकलने के बाद चौकी प्रभारी बहादुरपुर ने भी एक गाय की मांग की लेकिन सिपाहियों द्वारा नही है बताने पर दरोगा जी गुस्से में आ गए और कहते चले कि मै पकड़ कर लाया हूँ और ये लोग मालिक बने है और बाइक उठा कर चलने को बन ही रहे थे तब तक थानाध्यक्ष ने कहा कि जो पीछे गाय रखी गई है उनमें से दी जाए दरअसल वे गाय थाने के कुछ स्टाफ के थे और दरअसल चौकी प्रभारी ने अपने ड्राइवर के लिए बस 1 ही गाय की मांग किये थे बस यही सिलसिला चलता गया और अंत मे सबको खुश करते मध्य रात्रि हो गई लेकिन इतनी गाय आई कंहा से यह जानना अभी बाकि है डिस्ट्रिक इंचार्ज कुशीनगर कपिंजल पाठक 151045782

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