जिला अस्पताल की कार्य शैली हुई बद से बदतर
- 151108612 - PUNEET KUMAR
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फास्ट न्यूज़ इंडिया जिला ब्यूरो पुनीत कुमार
लखीमपुर खीरी
जिला अस्पताल में दिखा गंदगी का सैलाब और जलभराव की समस्या
जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार अस्पताल के मरीजों व अस्पताल पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करके सुविधाएं मुहैया करवा रही है वही अस्पताल के अधिकारी व कर्मचारी चैन की नींद सो रहे हैं किसी को कोई परवाह नहीं बताते चलें की उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी में कोविड-19 करोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते साफ सफाई व अस्पताल और अस्पताल के मरीजों के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही वही अस्पताल के अधिकारी व कर्मचारी जानबूझकर लापरवाह बने बैठे जब इसकी जानकारी भारतीय किसान मजदूर यूनिट सिंघानिया के राष्ट्रीय संगठन मंत्री दुर्गेश कुमार विश्वकर्मा और मीडिया की टीम जब अस्पताल की व्यवस्था को देखने के लिए पहुंची तो वहां पर बरसात का पानी नेत्र विभाग ऑपरेशन के सामने इस तरह से भरा था जैसे कि कोई तालाब हो और नल की व्यवस्था भी बहुत खराब दिखी और कई जगह पर गंदगी भी देखने को मिली उसके बाद जब मीडिया की टीम ने मरीजों का हाल जानने के लिए अस्पताल के अंदर भर्ती मरीजों के पास पहुंची तो वहां पर समस्याएं बहुत जटिल दिखी मरीज परेशान दिखे जब मीडिया की टीम ने मरीजों से बातचीत की तो पता चला कि डॉक्टर साहब सुबह 10:00 बजे आते हैं मरीजों का हाल-चाल जानने के लिए उसके बाद चले जाते हैं और फिर उसके बाद रात को लगभग 9:30 बजे आते हैं उसके बीच मौजूद वार्ड बॉय और फार्मासिस्ट देखरेख करते हैं लेकिन वह भी जिम्मेदारी के साथ नहीं देखरेख करते हैं जब मरीज को कोई परेशानी होती है तो उसके साथी कई बार जाते हैं स्टाफ रूम में तब कोई भी वार्ड बॉय मरीज को देखने आ जाता है और कभी-कभी तो स्टाफ रूम के कर्मचारी बाहर घूमने के लिए निकल जाते हैं और स्टाफ रूम खाली पड़ा रहता है और जब मीडिया की टीम ने स्टाफ रूम का मुआयना किया तो उस समय स्टाफ रूम खाली पड़ा था वहां पर कोई फार्मासिस्ट ना कोई वार्ड बॉय मौजूद था उसके बाद जब मीडिया की टीम मरीजों का हालचाल देखने के बाद अस्पताल के बाहर का रुख किया तब एक वार्ड बॉय लालता प्रसाद से मुलाकात हुई उससे जब जानकारी लेना चाहा तो वह भी बात को घुमाने लगा सही तरीके से जानकारी नहीं दे पाया तो इस बारे में भारतीय किसान मजदूर यूनिट सिंघानिया के राष्ट्रीय संगठन मंत्री और मीडिया टीम की मौजूदगी में सीएमओ को फोन लगाया गया तो उनका भी नंबर बंद जा रहा था अब सोचने की बात यह है कि करोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते वा अस्पताल में साफ सफाई व मरीजों के प्रति सरकार द्वारा लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करने से क्या फायदा क्योंकि अस्पताल के अधिकारी व कर्मचारी इसका नाजायज फायदा उठाकर चैन की नींद सो रहे हैं आखिर क्यों नहीं ध्यान दे रहे हैं आखिर क्यों हो रही इतनी बड़ी लापरवाही ।