योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला
- 151123061 - HARISH KUMAR
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*योगी सरकार का बड़ा फैसला: छेड़खानी व यौन अपराध करने वालों के शहरों में लगेंगे पोस्टर*
*महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों से छेड़खानी, दुर्व्यहार, अपराध, यौन अपराध करने वाले अपराधियों के अब चौराहों पोस्टर लगेंगे। सीएए की तर्ज पर ऐसे आरोपियों के फ़ोटो सार्वजनिक स्थल पर चस्पा करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को गृह व पुलिस विभाग के आला अफसरों को ऐसे अपराधियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए।*
*मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है दुराचारियों और अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाए। इस तरह के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ साथ उनके मदगारों के नाम भी उजागर किए जाएंगे। जहां तक संभव होगा महिलाओं से किसी भी तरह का अपराध करने वाले दुराचारियों को महिला पुलिस कर्मियों से ही दंडित कराया जाएगा। विभागीय स्तर पर भी सख्ती बरती जा रही है और कहा गया है कि कहीं भी महिलाओं के साथ कोई आपराधिक घटना हुई तो संबंधित बीट इंचार्ज, चौकी इंचार्ज, थाना प्रभारी और सीओ की जिम्मेदारी तय होगी।*
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिस तरह एंटी रोमियो स्क्ववायड ने प्रभावी कार्रवाई की है वैसे ही हर जनपद की पुलिस अभियान चलाकर कार्रवाई करे। मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई किए जाने को लेकर आला अफसर सक्रिय हो गए। इस क्रम में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी व डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने अलग-अलग निर्देश जारी किए हैं। अपर मुख्य सचिव गृह ने इसके बाद एक बैठक में इस दिशा में ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनमानस में पुलिस की बेहतर छवि का प्रदर्शन किया जाए ताकि महिलाओं व बालिकाओं में पुलिस के प्रति और अधिक भरोसा भी बढ़े।
अवस्थी ने सम्बन्धित अधिकारियों निर्देश दिए कि महिलाओं व बालिकाओं के विरूद्ध होने वाली किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जाए और अपराधियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। उधर डीजीपी ने पुलिस महानिदेश मुख्यालय में इस संबंध में एक बैठक कर मातहत अधिकारियों को विस्तृत निर्देश जारी किए। उन्होंने निर्देश दिए कि महिलाओं/बच्चियों के साथ घटित होने वाले अपराधों का तत्काल पंजीकरण कर नामित अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाए। जनपदों में गठित एन्टी रोमियों स्क्वायड द्वारा अनवरत अभियान चलाया जाए और खास तौर पर महिला पुलिस कर्मियों को इस स्क्वायड में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए लगाया जाए।
उन्होंने कहा है कि संवेदनशील स्थानों /हाटस्पाट पर महिला पुलिस कर्मियों के साथ निरन्तर गस्त की जाए। सार्वजनिक व भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सादे वस्त्र में महिला/पुरूष पुलिस कर्मियों द्वारा चेकिंग की जाए। डीजीपी ने कहा है कि चेकिंग के दौरान बाडी वार्न कैमरों काQ प्रयोग किया जाए। सार्वजनिक स्थानों स्कूल, कालेज ,माल, वितीय संस्थानों के प्रबन्धकों से वार्ता कर सीसीटीवई कैमरे लगवाने की व्यवस्था की जाए।
थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ समय व स्थान बदल-बदल कर पैदल गश्त करें तथा महिला पुलिस कर्मियों के माध्यम से ऐसे स्थानों पर आने जाने वाली महिलाओं/बच्चियों से वार्ता करना सुनिश्चित करें। उन्होंने महिला विद्यालयों में शिकायत पेटिका लगाए जाने के भी निर्देश दिए। रात के समय महिलाओं की सुरक्षा के लिए यूपी-112 द्वारा महिलाओं को उनके गन्तब्य स्थान पर सुरक्षित पहुंचाने के लिए सुरक्षा कवच योजना का अनुपालन किए जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने थानों पर महिला डेस्क की व्यवस्था के साथ महिलाओं की सजगता के लिए महिला सन्तरी की नियुक्ति किए जाने व सभी जिलों में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में महिला सहायता केन्द्र की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। बताया गया कि अब तक एंटी रोमियो अभियान के तहत 35 लाख स्थानों पर 83 लाख लोगों की चेकिंग हुई। अभियान के तहत अब तक दर्ज किए गए 7351 मुकदमे। इस क्रम में 11564 मनचलों को अब तक किया गया गिरफ्तार। अपर मुख्य सचिव गृह, अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध करने वालों के संबंध विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है। इस पर प्रभावी क्रियान्वयन कराया जाएगा।
*🖋️# अपराध कैसा भी हो, समाज के हर वर्ग केलिए परेशानी का कारण होता है ,जिसमे हर व्यक्ति को बेहद सतर्कता एवम् आपसी सहयोग ही आवश्यकता होती है।*
*महिलाओं एवम् बच्चियों के साथ यौन अपराधों ने समाज को सर्वाधिक झकझोर कर रख दिया है, जिससे महिलाएं एवम् बच्चियाँ भारी असुरक्षा की भावना से ग्रसित रहती हैं।*
*स्कूल कॉलेज जाने वाली बच्चियां,नौकरी पेशे पर तैनात युवतियां, बाजारों से खरीद फरोख्त करने वाली महिलाएं और यहाँ तक कि घर में अन्दर भी महिलाएं अपने को सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं।*
*यौन अपराधों से ग्रसित महिलाओं ,बच्चियों के साथ सबसे बड़ी समस्या होती है नारी लज्जा के कारण उनके साथ हुए यौन अपराधों को उजागर नहीं कर पाना !*
*न्याय में अत्यधिक विलम्ब का होना, अपराधियों को सजा न मिल पाना एवम् सम्बंधित अपराधी को त्वरित न्याय व्यवस्था में कमी होना व भरी अदालतों में नारी से बेतुके प्रश्न पूछा जाना यानि न्याय प्रक्रिया में अनेकों गम्भीर एवम् अव्यवहारिक दोष हैं।*
*यदि इन अनेकों व्यावहारिक विसंगतियों का गंभीरतापूर्वक निराकरण किया जाए तो अवश्य ही महिला के साथ होने वाले यौन अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट आयेगी।*
हरीश गोयल ब्यूरो चीफ हापुड़।