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गैस_वाली_ऐश
  • 151109233 - HEMANT CHOUDHARY 0



#गैस_वाली_ऐश!!! सुबह जल्दी उठना पड़ता था 4 बजे फिर दिसंबर जनवरी की ठंड में खुद को ऊपर से नीचे तक यूँ पैक करते जैसे कारगिल के लिए कूच करना हो..... घर में पुराने चादरे की तलाश के बाद बहस इस पर होती क़ी बाइक चलाएगा कौन..... घर से 7-8 किलोमीटर दूर जाते जाते उंगलियां अकड़ जाती थीं और गोदाम पर पहुंच कर देखते के हमसे पहले तो बीस आकर जम चुके हैं...... ये छह साल पहले की सामान्य गैस भरवाने की प्रक्रिया थी 3 दिन पहले और त्योहार के आसपास तो 7 दिन पहले बुकिंग करवाओ गैस एजेंसी जाकर फिर अगर आप 4 बजे गोदाम पर पहुंचे तो ठीक वर्ना 200 रुपये ब्लैक के देने पड़ते थे..... गैस ब्लैक करना शहर में कइयों के लिए रोजगार था..... बीसियों दुकानें थी और ज्यादातर इस काम को गुंडा लोग नेताओं के चमचे करते या करवाते थे गोदाम पर ट्रक आते ही सबसे पहले 10-20 प्रति गुंडा के हिसाब से सिलेंडर उन्ह मिल जाते फिर लाइन में लगे लोगों का नंबर आता...... अब इस लाइन में भी आगे पीछे को लेकर खूब गुंडई होती.... मारपीट सामान्य थी कभी कभार तो कट्टा बंदूक भी चल जाते.... छह साल पहले मोदी की सरकार बनी और हाहाकार मच गया...#गैस_ब्लैक_का_कारोबार मिट गया मेरे शहर में ही इससे जुड़े सौ सवा सौ लोग बेरोजगार हो गए..... ये बेरोजगारी बढ़ाने वाली सरकार है अब मैं बारह महीने जब दिल करे फोन से गैस बुक करता हूँ और चंद घंटों के भीतर हॉकर घर पर सिलेंडर दे जाता है..... सुबह की ठंडी हवा बाइक पर न ले पाने के चलते मेरे फेफड़े कमजोर हुए हैं अब मुझे कोरोना हुआ तो मोदी के अलावा भला कौन जिम्मेदार होगा... गैस की लाइन में खड़े हो जो अलग अलग लोगों से भांति भांति की गंध और सूक्ष्म जीव मुझ तक आते थे वो मेरी रोग प्रतिरोधक छमता को मज़बूत और इंद्रियों को जाग्रत रखते थे अब मेरे घर का हेल्थ बजट निश्चय ही बढ़ेगा.... मोदी के कारण.... इस गैस लेने की लाइन में बड़े गंभीर विषयों पर चर्चा होती थी आखिर 2-3 घंटे काटने होते थे इससे शहर भर की जानकारी मिलती राष्ट्र का मूड पता चलता अब ये सूचनाएं नहीं मिल पाती मेरे सामाजिक ज्ञान का स्तर इस मोदी ने चौपट कर दिया.....! गैस की जंग ने मुझे बढ़िया स्किल्ड लड़ाका बना दिया था रेहप्टा किस एंगल से मारा जाए, सिलेंडर को कैसे सामने वाले के टखने पर मारा जाए, अगर सामने वाला खुद से तगड़ा हो तो कैसे उसके गोलों को निशाना बनाया जाए या आंख में उंगली पेली जाए..... नई पीढ़ी अब इस मार्शल आर्ट को कभी न जान पाएगी.... मोदी तुमने हमसे हमारी क्षत्रियता छीन ली सिलेंडर जल्दी पाने को पत्नी को साथ लेकर जाना और फिर छोटी लाइन में लगी पत्नी को देख रंडवो कवारो के आगे छाती चौड़ी करना गृहस्थ जीवन में कितनी मजबूती लाता था इससे महिलाओं की आवश्यक्ता और अधिकार प्रमाणित होता था..... मोदी तुमने सत्यानाश मेंट दिया...... पड़ोस की कुछ भौजाइयाँ तो सिर्फ इस लिए मीठी बतिया कुवारों के अरमान सुलगाये रहती थी के सिलेंडर तो दिलवा लाएगा भईया के साथ जा..... मोदी तुमको लौंडों की हाय लगेगी में तुम्हे कभी माफ़ नहीं करूंगा मोदी गैस की सारी ऐश को आग लगाने वाले सिर्फ तुम हो तुम......! मोदी हाय हाय...!! (साभार व्यंग..)

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