तिहाड़ जेल में बंद एक कैदी शेरसिंह राणा को
- 151109233 - HEMANT CHOUDHARY
0
जब तिहाड़ जेल में बंद एक कैदी शेरसिंह राणा को यह बात पता चली की मोहम्मद गोरी के मकबरे के दर्शन के लिए जाने वाले लोग पृथ्वीराज की समाधि को शैतान की समाधि बताकर उसपर जूते-चप्पल मारते हैं तब वह देश की सबसे ज्यादा हाई सिक्युरिटी वाली जेल प्रशासन को चमक देकर भाग गए ।
उन्होंने रांची से फर्जी पासपोर्ट बनवाया और कोलकाता चले गए, वहां से बांग्लादेश का वीजा बनवाकर वहाँ चले गए, वहां बाकायदा यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया कुछ अफगानी सीखी फिर वहां से अफगानिस्तान का वीजा बनवाकर तालिबानियों के आतंक से ग्रस्त काबुल पहुंच गए ।
वहां करीब तीन माह रहकर उन्होंने काबुल से कंधार तक पृथ्वीराज चौहान की समाधि खोजी और रेकी की। वहाँ उन्होंने देखा कि गोरी के मकबरे पर आने वाला हर शख्स भारत के अंतिम और महान हिन्दू शासक की समाधि का अपमान करता है। उन्होंने शुरू से अंत तक कि इन सभी घटनाओं का सबूत के तौर पर बकायदे वीडियो भी बनाया ।
उसी दिन रात के अंधेरे में उन्होंने पृथ्वीराज की समाधि को खोदकर उनकी अस्थियों को अपने कब्जे में लिया और किसी को भनक लगे बिना ही वापस भारत आ गए, भारत आकर शेर सिंह राणा ने अपनी माँ के साथ मिलकर पृथ्वीराज चौहान के मंदिर का निर्माण कराया और उनकी अस्थियों को सुरक्षित किया, हालांकि इस घटना के कुछ दिनों बाद ही वह कोलकाता पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए।