शिक्षकों को किया गया सम्मानित सरस्वती वंदना....
- 151109035 - SATENDRA SINGH
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हिंदी को मिले पूर्ण राजभाषा का स्थान।
आजीवन हिंदी में हस्ताक्षर करने की दिलाई गई शपथ।
अभियंत्रण, चिकित्सा एवं प्रबन्धन की शिक्षा का माध्यम बने हिंदी।
जनपद मुख्यालय पर डॉ ब्रजेन्द्र अवस्थी की स्मृति में हिन्दी भवन की स्थापना की उठी माँग।
यूपी के जनपद बदायूं में
भारतीय हिंदी सेवी पंचायत के तत्वावधान में हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत हिंदी के उन्नयन हेतु एक संगोष्ठी का आयोजन भगवान परशुराम विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज नेकपुर में किया गया।
संगोष्ठी का शुभारंभ कार्यक्रम अध्यक्ष रामबहादुर पाण्डेय द्वारा मा सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया तदन्तर कवि षत्वदन शंखधार द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर हिंदी के लिए उल्लेखनीय योगदान करने वाले 7 आदर्श शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया।
उपस्थितजनों को हिंदी में हस्ताक्षर करने की शपथ भारतीय हिंदी सेवी पंचायत के अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट द्वारा दिलाई गई।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए ख्यातिलब्ध शिक्षाविद व चिन्तक रामबहादुर पांडेय ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदी दिनोंदिन प्रगति पथ पर अग्रसर है।साठ सत्तर के दसक मे हिंदी उर्दूनिष्ठ थी।किंतु हर्ष का विषय है कि अब संस्कृत निष्ठ हिंदी का प्रचलन बढ़ा है।शिक्षण संस्थाओं को हिंदी को लेकर गंभीर होना पड़ेगा, क्योंकि परीक्षाओं में हिंदी में अनुत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ रही है।भारत सरकार को भी न्याय और चिकित्सा की भाषा हिन्दी को बनाने के प्रयास करने चाहिए।राष्ट्र की उन्नति के लिए अभियंत्रण, चिकित्सा व प्रबंधन की शिक्षा हिंदी में दिये जाने की अनिवार्यता हो।
मुख्य वक्ता के रूप में विचार व्यक्त करते हुए भारतीय हिंदी सेवी पंचायत के अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि हिंदी को मातृभाषा , राष्ट्रभाषा के साथ ही पुर्ण राजभाषा का सम्मान दिलाने हेतु भारतीय हिंदी सेवी पंचायत निरंतर प्रयासरत है।अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर पंचायत द्वारा दस सुत्रीय कार्यक्रम जारी किया गया है।हिन्दी के उत्थान हेतु भारत सरकार व राज्य सरकारो के कार्यालयो में हिंदी में कार्य करने की अनिवार्यता हो।उच्च औऱ उच्चतम न्यायालय में भी न्यायिक कार्य हिंदी में हों।देश भर की समस्त शिक्षण संस्थाओं में हिंदी शिक्षक की अनिवार्य रूप से नियुक्ति हो।जनपद मुख्यालयों पर हिन्दी के साहित्यकारों की स्मृति में हिंदी भवन स्थापित हो।राज्यसभा औऱ विधान परिषद में हिन्दी साहित्यकारो के मनोनयन की व्यवस्था हो।सरकार द्वारा प्रतिवर्ष एक जनपद के एक साहित्यकार के साहित्य के प्रकाशन की योजना बनानी चाहिए।जनपद बदायूँ मे प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ बृजेन्द्र अवस्थी की स्मृति में हिन्दी भवन की स्थापना हेतु शासन प्रशासन को मांग पत्र भेजे जाएंगे।
भारतीय हिंदी सेवी पंचायत बदायूं के जिला महासचिव प्रदीप रायजादा, दीपक तिवारी व षत्वदन शंखधार ने काव्यपाठ किया।
संगोष्ठी में प्रमुख रूप से डॉ सुशील कुमार सिंह, राजेश्वर पाठक, पंकज वार्ष्णेय, हरीश सक्सेना, मीनाक्षी सिंह, शालिनी गुप्ता, रेनू रानी, अवनेश कुमार, निहार रंजन, हर गोविंद पाठक, अनिल कुमार, हिमांशु मिश्र, ललतेश कुमार, अंकुश चतुर्वेदी, सरिता चौहान, प्रियंका माहेश्वरी,अहसन जमील सिद्दीकी, ज्योत्स्ना, निशी शर्मा, कुसुम सक्सेना, आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन कवि पवन शंखधार ने किया।अंत में भारतीय हिंदी सेवी पंचायत बदायूँ के जिला अध्यक्ष विनोद सूर्यवंशी ने सभी का आभार व्यक्त किया।