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आज का हिन्दू पंचांग दैनिक राशिफल के साथ
  • 151109233 - HEMANT CHOUDHARY 0



🌞 ~ *_आज का हिन्दू पंचांग दैनिक राशिफल के साथ पंडित विष्णु जोशी 8004706822_* ~ 🌞 ⛅ *दिनांक 19 सितम्बर 2020* ⛅ *दिन - शनिवार* ⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)* ⛅ *शक संवत - 1942* ⛅ *अयन - दक्षिणायन* ⛅ *ऋतु - शरद* ⛅ *मास - अधिक अश्विन* ⛅ *पक्ष - शुक्ल* ⛅ *तिथि - द्वितीया सुबह 09:10 तक तत्पश्चात तृतीया* ⛅ *नक्षत्र - चित्रा - 20 सितम्बर रात्रि 01:21 तक तत्पश्चात स्वाती* ⛅ *योग - ब्रह्म दोपहर 03:36 तक तत्पश्चात इन्द्र* ⛅ *राहुकाल - सुबह 09:29 से सुबह 11:01 तक* ⛅ *सूर्योदय - 06:27* ⛅ *सूर्यास्त - 18:36* ⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में* ⛅ *व्रत पर्व विवरण - तृतीया क्षय तिथि* 💥 *विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* 🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞 🌷 *पुरुषोत्तम मास* 🌷 ➡ *18 सितम्बर से 16 अक्टूबर तक अधिक - पुरुषोत्तम मास* 🌷 *पुरुषोत्तम मास में रोज़ एक बार एक श्लोक बोल सकें तो बहुत अच्छा है* 🌷 *गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरुपिणम |* *गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिका प्रियं | |* 🙏🏻 *हे भगवान ! हे गिरिराज धर ! गोवर्धन को अपने हाथ में धारण करने वाले हे हरि ! हमारे विश्वास और भक्ति को भी तू ही धारण करना | प्रभु आपकी कृपा से ही मेरे जीवन में भक्ति बनी रहेगी, आपकी कृपा से ही मेरे जीवन में भी विश्वास रूपी गोवर्धन मेरी रक्षा करता रहेगा | हे गोवर्धनधारी आपको मेरा प्रणाम है आप समर्थ होते हुए भी साधारण बालक की तरह लीला करते थे | गोकुल में आपके कारण सदैव उत्सव छाया रहता था मेरे ह्रदय में भी हमेशा उत्सव छाया रहे साधना में, सेवा-सुमिरन में मेरा उत्साह कभी कम न हो |* 🙏🏻 *मै जप, साधना सेवा,करते हुए कभी थकूँ नहीं | मेरी इन्द्रियों में संसार का आकर्षण न हो, मैं आँख से तुझे ही देखने कि इच्छा रखूं, कानों से तेरी वाणी सुनने की इच्छा रखूं, जीभ के द्वारा दिया हुआ नाम जपने की इच्छा रखूं ! हे गोविन्द ! आप गोपियों के प्यारे हो ! ऐसी कृपा करो, ऐसी सदबुद्धि दो कि मेरी इन्द्रियां आपको ही चाहे ! मेरी इन्द्रियरूपी गोपीयों में संसार की चाह न हो, आपकी ही चाह हो !* 🙏🏻 *श्री* 🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞 🌷 *अधिक मास का माहात्म्य* 🌷 🙏🏻 *अधिक मास में सूर्य की संक्रान्ति (सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश) न होने के कारण इसे "मलमास (मलिन मास)" कहा गया। स्वामीरहित होन से यह मास देव-पितर आदि की पूजा तथा मंगल कर्मों के लिए त्याज्य माना गया। इससे लोग इसकी घोर निंदा करने लगे।* 🙏🏻 *तब भगवान श्रीकृष्ण ने कहाः “मैं इसे सर्वोपरि – अपने तुल्य करता हूँ। सदगुण, कीर्ति, प्रभाव, षडैश्वर्य, पराक्रम, भक्तों को वरदान देने का सामर्थ्य आदि जितने गुण मुझमें हैं, उन सबको मैंने इस मास को सौंप दिया।* 🌷 *अहमेते यथा लोके प्रथितः पुरुषोत्तमः।* *तथायमपि लोकेषु प्रथितः पुरुषोत्तमः।।* 🙏🏻 *उन गुणों के कारण जिस प्रकार मैं वेदों, लोकें और शास्त्रों में ‘पुरुषोत्तम’ नाम से विख्यात हूँ, उसी प्रकार यह मलमास भी भूतल पर ‘पुरुषोत्तम’ नाम से प्रसिद्ध होगा और मैं स्वयं इसका स्वामी हो गया हूँ।”* 🙏🏻 *इस प्रकार अधिक मास, मलमास, ‘पुरुषोत्तम मास’ के नाम से विख्यात हुआ।* 🙏🏻 *भगवान कहते हैं- ‘इस मास में मेरे उद्देश्य से जो स्नान (ब्राह्ममुहूर्त में उठकर भगवत्स्मरण करते हुए किया गया स्नान), दान, जप, होम, स्वाध्याय, पितृतर्पण तथा देवार्चन किया जाता है, वह सब अक्षय हो जाता है। जो प्रमाद से इस बात को खाली बिता देते हैं, उनका जीवन मनुष्यलोक में दारिद्रय, पुत्रशोक तथा पाप के कीचड़ से निंदित हो जाता है इसमें संदेह नहीं है।* 🙏🏻 *सुगंधित चंदन, अनेक प्रकार के फूल, मिष्टान्न, नैवेद्य, धूप, दीप आदि से लक्ष्मी सहित सनातन भगवान तथा पितामह भीष्म का पूजन करें। घंटा, मृदंग और शंख की ध्वनि के साथ कपूर और चंदन से आरती करें। ये न हों तो रूई की बत्ती से ही आरती कर लें। इससे अनंत फल की प्राप्ति होती है। चंदन, अक्षत और पुष्पों के साथ ताँबे के पात्र में पानी रखकर भक्ति से प्रातःपूजन के पहले या बाद में अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय भगवान ब्रह्माजी के साथ मेरा स्मरण करके इस मंत्र को बोलें* *देवदेव महादेव प्रलयोत्पत्तिकारक।* *गृहाणार्घ्यमिमं देव कृपां कृत्वा ममोपरि।।* *स्वयम्भुवे नमस्तुभ्यं ब्रह्मणेऽमिततेजसे।* *नमोऽस्तुते श्रियानन्त दयां कुरु ममोपरि।।* 🙏🏻 *‘हे देवदेव ! हे महादेव ! हे प्रलय और उत्पत्ति करने वाले ! हे देव ! मुझ पर कृपा करके इस अर्घ्य को ग्रहण कीजिए। तुझ स्वयंभू के लिए नमस्कार तथा तुझ अमिततेज ब्रह्मा के लिए नमस्कार। हे अनंत ! लक्ष्मी जी के साथ आप मुझ पर कृपा करें।’* 🙏🏻 *पुरुषोत्तम मास का व्रत दारिद्रय, पुत्रशोक और वैधव्य का नाशक है। इसके व्रत से ब्रह्महत्या आदि सब पाप नष्ट हो जाते हैं।* 🌷 *विधिवत् सेवते यस्तु पुरुषोत्तममादरात्।* *फुलं स्वकीयमुदधृत्य मामेवैष्यत्यसंशयम्।।* 🙏🏻 *प्रति तीसरे वर्ष में पुरुषोत्तम मास के आगमन पर जो व्यक्ति श्रद्धा-भक्ति के साथ व्रत, उपवास, पूजा आदि शुभकर्म करता है, वह निःसन्देह अपने समस्त परिवार के साथ मेरे लोक में पहुँचकर मेरा सान्निध्य प्राप्त करता है।”* 🙏🏻 *इस महीने में केवल ईश्वर के उद्देश्य से जो जप, सत्संग व सत्कथा – श्रवण, हरिकीर्तन, व्रत, उपवास, स्नान, दान या पूजनादि किये जाते हैं, उनका अक्षय फल होता है और व्रती के सम्पूर्ण अनिष्ट हो जाते हैं। निष्काम भाव से किये जाने वाले अनुष्ठानों के लिए यह अत्यंत श्रेष्ठ समय है। ‘देवी भागवत’ के अनुसार यदि दान आदि का सामर्थ्य न हो तो संतों-महापुरुषों की सेवा सर्वोत्तम है, इससे तीर्थस्नानादि के समान फल प्राप्त होता है।* 🙏🏻 *इस मास में प्रातःस्नान, दान, तप नियम, धर्म, पुण्यकर्म, व्रत-उपासना तथा निःस्वार्थ नाम जप – गुरुमंत्र का जप अधिक महत्त्व है।* 🔥 *इस महीने में दीपकों का दान करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। दुःख – शोकों का नाश होता है। वंशदीप बढ़ता है, ऊँचा सान्निध्य मिलता है, आयु बढ़ती है। इस मास में आँवले और तिल का उबटन शरीर पर मलकर स्नान करना और आँवले के वृक्ष के नीचे भोजन करना यह भगवान श्री पुरुषोत्तम को अतिशय प्रिय है, साथ ही स्वास्थ्यप्रद और प्रसन्नताप्रद भी है। यह व्रत करने वाले लोग बहुत पुण्यवान हो जाते है।* ❌ *अधिक मास में वर्जित* *इस मास में सभी सकाम कर्म एवं व्रत वर्जित हैं। जैसे – कुएँ, बावली, तालाब और बाग आदि का आरम्भ तथा प्रतिष्ठा, नवविवाहिता वधू का प्रवेश, देवताओं का स्थापन (देवप्रतिष्ठा), यज्ञोपवीत संस्कार, विवाह, नामकर्म, मकान बनाना, नये वस्त्र एवं अलंकार पहनना आदि।* ✅ *अधिक मास में करने योग्य* *प्राणघातक रोग आदि की निवृत्ति के लिए रूद्रजप आदि अनुष्ठान, दान व जप-कीर्तन आदि, पुत्रजन्म के कृत्य, पितृमरण के श्राद्धादि तथा गर्भाधान, पुंसवन जैसे संस्कार किये जा सकते हैं।* 🙏🏻 *स्रोतः ऋषि प्रसाद, अप्रैल 2010, पृष्ठ संख्या 13, अंक 208* 🍃 *आरोग्यं सलाह :-* *दमा (श्वास रोग ) Asthma* *दमा को पूर्ण रूप से ठीक करने हेतु प्राणायाम का अभ्यास सर्वोत्तम है विभिन्न औषधियों से दमे का उपचार* *१- अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से श्वास , खांसी व जुक़ाम में लाभ होता है* *२- प्याज़ का रस , अदरक का रस , तुलसी के पत्तों का रस व शहद ३-३ ग्राम की मात्रा में लेकर सुबह-शाम सेवन करने से अस्थमा रोग नष्ट होता है* *३- काली मिर्च - २० ग्राम , बादाम की गिरी - १०० ग्राम और खाण्ड - ५० ग्राम लें | तीनों को अलग - अलग बारीक़ पीस कर चूर्ण बना लें , फिर तीनों को अच्छी तरह से मिला लें | इस मिश्रण की एक चम्मच लें और रात को सोते समय गर्म दूध से लें , लाभ होगा* *आज का राशिफल :-* 🐏 *राशि फलादेश मेष :-* *(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)* *किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। विद्यार्थी वर्ग लगन व उत्साह से अपना कार्य कर पाएंगे। घर-बाहर सभी तरफ से सहयोग प्राप्त होगा। धनार्जन होगा।* 🐂 *राशि फलादेश वृष :-* *(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)* *दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। भागदौड़ रहेगी। शारीरिक कष्ट की आशंका है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। किसी अपने ही व्यक्ति से संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। नौकरी में अपेक्षाएं बढ़ेंगी।* 👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-* *(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)* *सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। कोई शारीरिक कष्ट हो सकता है। लापरवाही न करें। थोड़े प्रयास से ही कार्य बनने लगेंगे। मित्रों व रिश्तेदारों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।* 🦀 *राशि फलादेश कर्क :-* *(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)* *शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। हल्की हंसी-मजाक से बचें। धन प्राप्ति सुगम होगी। पारिवारिक संबंधियों का आगमन हो सकता है। देखरेख में व्यय होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा।* 🦁 *राशि फलादेश सिंह :-* *(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)* *अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़ी समस्या से निजात मिल सकती है। छोटी-मोटी समस्या बनी रह सकती है। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा।* 🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-* *(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)* *कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से तनाव रहेगा। कोई बड़ा खर्च होने की संभावना है। आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। व्यापार-व्यवसाय में आय बनी रहेगी।* ⚖ *राशि फलादेश तुला :-* *(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)* *व्यावसायिक यात्रा लंबी हो सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नए अनुबंध हो सकते हैं। शत्रु नतमस्तक होंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त होने के योग हैं। विवाद पर नियंत्रण रखें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है। प्रमाद से बचें।* 🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-* *(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)* *समाजसेवा की प्रेरणा प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्‍य खराब हो सकता है। शत्रुओं का पराभव होगा। आर्थिक उन्नति के लिए नई योजना बनेगी। विवेक का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। रुके कार्यों में अनुकूलता रहेगी।* 🏹 *राशि फलादेश धनु :-* *(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)* *चिंता तथा तनाव रहेंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत होगी। किसी विशेष व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूलता रहेगी। किसी पुराने रोग के उभरने की आशंका है। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा।* 🐊 *राशि फलादेश मकर :-* *(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)* *किसी विवाद से तनाव रहेगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।* 🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-* *(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)* *धन प्राप्ति सुगम होगी। भाग्य की अनुकूलता का लाभ लें। रुके कार्य पूर्ण होने के योग हैं। कारोबार में वृद्धि होगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। नौकरी में सहकर्मी का साथ मिलेगा। जल्दबाजी न करें।* 🐋 *राशि फलादेश मीन :-* *(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)* *व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। किसी कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। बड़ा लाभ होने की संभावना है। धनार्जन होगा।* 🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞 🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻

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