रेलवे स्टेशन के नाम का असमंजस दूर
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वाराणसी, जेएनएन। लंबे समय से वाराणसी आने वाले पर्यटकों के लिए स्थान को लेकर असमंजस की स्थिति रही है। सिर्फ स्थानीय या आस पडोस के लोग ही जानते थे कि कौन सा वाराणसी स्टेशन है कौन काशी और कौन मंडुआडीह। अब मंडुआडीह का नाम बदलकर बनारस करने के बाद से काशी के पुराने नामों को भी पहचान मिल गई है। बनारस के मंडुअाडीह में बने आधुनिक रेलवे स्टेशन को भी बनारस के ही नाम से जाना जाएगा। मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम अब बनारस रेलवे स्टेशन ही होगा, केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद राज्यपाल ने भी इस नाम पर अपनी मुहर लगा दी।
प्रमुख सचिव शासन निनित रमेश गोकर्ण की ओर से इस आशय का पत्र भी जारी कर दिया गया है। इसमें लिखा गया है कि 'श्री राज्यपाल, इस अधिसूचना के निर्गत होने की तिथि से गृह मंत्रालय भारत सरकार के पत्र द्वारा दी गई अनापत्ति के क्रम में जनपद वाराणसी में स्थित 'मंडुआडीह' रेलवे स्टेशन का नाम निम्नलिखित अनुसूची के अनुसार सहर्ष परिवर्तित करते हैं- रोमन लिपि में परिवर्तित नए नाम की वर्तनी 'Banaras' व देवनागरी लिपि में 'बनारस' होगा। केंद्र व राज्य की अधिसूचना के बाद अब मंडुआडीह रेलवे स्टेशन की पहचान बनारस के रूप में होगी। लंबे समय से इसकी मांग भी जिले में हो रही थी। लंबे सफर के बाद जब ट्रेन इस स्टेशन पर ठहरती थी और लोग बनारस पहुंचने की बात कहकर जब ट्रेन से उतरने लगते थे तो पर्यटकों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती थी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय फलक पर मंडुआडीह के नाम से लोग अनजान थे। अब किसी तरह के भ्रम की स्थिति नहीं होगी। बोलचाल में सर्वमान्य बनारस के नाम को भी एक स्थायित्व मिल गया ।
रेलमंत्री ने भी दी शुभ सूचना
मंडुआडीह के बनारस रेलवे स्टेशन नाम होने के बाद रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भी इस आशय का राज्यपाल का पत्र जारी होने की जानकारी गुरुवार को देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि - PM @NarendraModi जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मंडुआडीह स्टेशन को अब पूरे देश में लोकप्रिय व प्रसिद्ध नाम बनारस से जाना जायेगा। उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा, केंद्र सरकार के अनापत्ति पत्र के आधार पर, इस स्टेशन का नाम परिवर्तित कर बनारस रखने की अनुमति दी गयी।
पूर्व रेल राज्यमंत्री का पूरा हुआ वादा
मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने को लेकर समय- समय पर सामाजिक संगठनों की ओर से आवाज उठाई गई। पूर्व केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने 19 फरवरी, 2019 को रोहनिया स्थित ओढे गांव में आयोजित एक जनसभा में इस स्टेशन का नाम बदलने का वादा किया था। हालांकि नाम क्या होगा, यह किसी को पता नहीं था। मनोज सिन्हा द्वारा इस दिशा में मंत्रालय से स्वीकृति प्रदान करते हुए फाइल बढ़ाने की भी बात कही जा रही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई। नतीजा, वाराणसी से जुड़े लाखों लोगों के चेहरे पर खुशी झलकी। इस बाबत अगले दिन जागरण से बातचीत में गाजीपुर में मनोज सिन्हा ने इस बात की पुष्टि की थी और इसे लेकर जल्द कार्य की बात की थी।
सुविधाओं से स्टेशन लैस
मंडुआडीह स्टेशन पर इधर बीच बहुत काम हुआ है। इस टर्मिनल स्टेशन पर प्रथम श्रेणी का प्रतीक्षालय क्षेत्र, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग रूम, एसी लाउंज आदि सुविधाएं हैं। द्वितीय प्रवेश द्वार पर हरियाली यात्रियों को आकर्षित करती है। यहां सर्कुलेटिंग एरिया, पार्क, फव्वारा, विशाल प्रवेश द्वार एयरपोर्ट का अहसास कराते हैं। सामान्य दिनों में यहां से 22 ट्रेनें विभिन्न रूटों के लिए प्रस्थान करती हैं। प्रतिदिन 14 हजार से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है।