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तेरी साँसों की आहट को भी जब पहचानता हूँ
  • 151108338 - VIMLESH KUMAR 0 0
    30 Jun 2020 23:41 PM



तेरी साँसों की आहट को भी जब पहचानता हूँ मैं, मुझे रुसवा करे तू इसकी गुंजाइश कहाँ है अब। कुछ इस तरह से रुसवा कर दिया उसने मुझे, कि साँस भी न रुकी और मौत भी आ गई।


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