हिन्दी प्रचार-प्रसार साहित्कारों को मिलेगा अनुदान
- 151113580 - RAJU PRAJAPATI
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राजू प्रजापति की रिपोर्ट
ललितपुर। उ.प्र. हिन्दी संस्थान लखनऊ के निदेशक के पत्र द्वारा अवगत कराया गया है कि उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान उ.प्र.शासन की भाषा विभाग के नियंत्रणाधीन एक स्वायत्तशासी संस्था है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश में हिन्दी भाषा का प्रचार एवं प्रसार करना है। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का एकल कार्यालय लखनऊ में स्थित हैं। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के अतिरिक्त साहित्यकारों के कल्याण हेतु अनेक योजनाएं संचालित करता है। संस्थान आर्थिक रुप से विपन्न साहित्यकारों को साहित्यकार कल्याण कोष योजना अन्तर्गत आर्थिक सहायता तथा प्रकाशन अनुदान योजनान्तर्गत रचनाकारों को उनकी पाण्डुलिपि के मुद्रण/प्रकाशन हेतु प्र्रकाशन अनुदान प्रदान करता है। संस्थान द्वारा इन योजनाओं को और अधिक पारदर्शी व व्यापक प्रचार-प्रसार की दृष्टि से प्रदेश के सभी जनपदों से ऐसे साहित्यकारों, रचनाकारों के आवेदन आमंत्रित किये गए हैं जो विषम आर्थिक स्थिति से ग्रसित हैं। साहित्यकार कल्याण कोष योजना संस्थान द्वारा इस योजना अनतर्गत विषम आर्थिक स्थिति से ग्रस्त या रुग्ण ऐसे साहित्यकारों को जिनकी वार्षिक आय (समस्त स्रोतों से) रु0 05.00 लाख से अधिक नहीं है, उन्हें अधिकतम रु0 50,000.00 (रु0 पचार हजार) अनावर्तक आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। प्रकाशन अनुदान योजना संस्थान द्वारा इस योजना अन्तर्गत ऐसे रचनाकारों को जिनकी वार्षिक आय (समस्त स्रोतों से) रु0 05.00 लाख से अधिक नहीं है। कुल प्रकाशन पर होने वाले व्यय का तीन चौथाई भाग, जो रु0 30,000.00 (रु0 तीस हजार) से अधिक नहीं होगा। उनकी पाण्डुलिपि के मुद्रण/प्रकाशन हेतु अनुदान प्रदान किया जाता है। इन दोनों योजनाओं हेतु संस्थान द्वारा प्राविधानित नियमावली के अनुसार साहित्कार/रचनाकार आवेदन निदेशक, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान, राजर्षि पुरुषोत्तमदास दण्डन हिन्दी भवन, 6 महात्मा गांधी मार्ग, हजरतगंज, लखन-226001 को प्रेषित कर सकते हैं। अत: जनपद के ऐसे साहित्यकार/रचनाकार अपने आवेदन सीधे निदेशक, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान, राजर्षि पुरुषोत्तमदास दण्डन हिन्दी भवन, 6 महात्मा गांधी मार्ग, हजरतगंज, लखन-226001 को दिनांक 05 सितम्बर, 2020 तक उपलब्ध करा सकते हैं।