जाने क्या हैं गुस्सा ज्यादा आने के कारण और काबू कर
- 151109870 - RAJ KUMAR VERMA
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लाइफस्टाइल। गुस्सा हमारी भावनाओं का एक हिस्सा है। यह गलत व्यवहार के प्रति विरोध की भावना है। मनोविज्ञान के अनुसार सप्ताह में एक दो बार थोड़ा गुस्सा आ जाना सामान्य होता है। लेकिन छोटी छोटी बात पर गुस्सा आना, क्रोधित होना और क्रोध अधिक देर तक रहना एक समस्या है। इस तरह के गुस्से और ताव में मारपीट या गाली गलौच की नौबत आ जाती है जिसके कारण पारिवारिक सम्बन्ध काम धंधा , नौकरी और स्वास्थ्य पर बुरा असर होने लगता है।
अधिक गुस्सा करना दिक्कत पैदा कर सकता है। यह ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है, सोचने समझने की ताकत छीन लेता है, शारीरिक और मानसिक नुकसान पहुंचा सकता है। गुस्सा आने पर बुरे विचार हावी हो जाते हैं। कुछ लोग तो गुस्सा करना और दुसरों को प्रताड़ित करना अपना अधिकार समझते हैं। रिसर्च के अनुसार गुस्से पर काबू नहीं पाना गुस्से को और बढ़ाता चला जाता है। इससे गुस्सा करने वाले या सहने वाले का, किसी का भला नहीं होता है। अतः गुस्सा बंद होना ही चाहिए।
गुस्सा दिखाने के तरीके
गुस्सा करने वाले लोग क्रोध दिखाने के लिए अधिकतर इस प्रकार का व्यवहार करते हुए पाये जाते हैं— चिल्लाना, तोड़ फोड़ करना, गाली गलौच करना, हिंसा पर उतारू होना, डराना धमकाना, धौंस जमाना, सामने वाले की कमजोरी का बखान करना, दोषारोपण करना, खुद की गलती का दोष दूसरे पर डालना, अविश्वास व्यक्त करना, सामने वाले की बात नहीं सुनना, सामने वाले की फीलिंग की कदर नहीं करना, दरवाजे जोर से बंद करना, दूसरे को अनावश्यक सजा देना। इसके अलावा गाड़ी तेज चलाना, रिश्ते तोड़ लेना, अत्यधिक खर्चा करना, खुद को अनोखा समझना, हमेशा खुद की तारीफ पाने की लालसा रखना, छोटी छोटी बातों पर तेज गुस्सा करना, शराब आदि नशा करना आदि तरीकों से भी गुस्सा करने के नुकसान गुस्सा करने वाला व्यक्ति दूसरे का नुकसान कर पाये या नहीं लेकिन खुद का नुकसान तो जरूर कर लेता है।