जिले में अब तक 26592 हेक्टेयर धान उगाया जा चुका है
प्रत्यक्ष बुवाई-मुख्य कृषि अधिकारी
- 151050462 - VIJAY KUMAR
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फाजिल्का, 10 जुलाई ( विजय कुमार )जिला फाजिल्का के किसानों को धान की सीधी बुवाई की तकनीक को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया, जिसके परिणामस्वरूप जिला फाजिल्का में खरीफ 2020 के दौरान धान की सीधी बुवाई हुई है, जो अब तक लगभग 40 प्रतिशत तक कम हो गई है, जो लगभग 26592 हेक्टेयर है। 2019 में पिछले साल की तुलना में यह केवल 6000 हेक्टेयर था। यह जानकारी जिले के मुख्य कृषि अधिकारी श्री मंजीत सिंह जी ने दी। उन्होंने कहा कि जिले में सीधी बुआई के माध्यम से बोई जाने वाली धान की फसल बहुत अच्छी चल रही थी। मुख्य कृषि अधिकारी ने कहा कि इस तकनीक से प्रति एकड़ 6,000 से 7,000 रुपये की बचत होती है और 15% पानी की भी बचत होती है। इस विधि से बोया गया धान का पानी मिट्टी में चला जाता है। उन्होंने कहा कि पहले बोई गई फसल की जड़ें 20-25 दिनों में अच्छी नहीं लग रही थीं और किसान दहशत में थे और उन्होंने इसे ले जाने का फैसला किया और किसानों को विश्वास हो गया कि अगर फसल सफल नहीं हुई तो उन्हें पनीर ले जाना चाहिए। रोपण के बारे में सोचो। उन्होंने कहा कि किसानों को घबराना नहीं चाहिए बल्कि कृषि विभाग से समय-समय पर संपर्क करना चाहिए और विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार आगे की कार्रवाई करनी चाहिए ताकि फसल को कोई नुकसान न हो और लाभ अधिक हो। उन्होंने किसानों से धान की सीधी बुवाई के लिए जिंक सल्फेट (21 प्रतिशत) 25 किग्रा प्रति एकड़ या जिंक सल्फेट (33 प्रतिशत) 16 किग्रा प्रति एकड़ लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हल्की मिट्टी में धान के पीलेपन के मामले में, 1 लीटर प्रति 100 लीटर पानी में फेरस सल्फेट का स्प्रे, एकड़ में साप्ताहिक अंतराल पर 2-3 बार और यूरिया उर्वरक की 3 खुराक 4, 6 और 9 सप्ताह के पूरा होने पर लगाना चाहिए। 130 किलो प्रति एकड़। उन्होंने यह भी कहा कि नादिना के नियंत्रण के लिए सिफारिश के अनुसार 20-25 दिनों में स्प्रे लगाया जाना चाहिए जिससे उनकी फसल में सुधार होगा।