जहाज चढ़ना है तो बस में लगानी पड़ेगी क्लास
- 151113014 - CHARANJIT SINGH
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फरीदकोट 8 जुलाई ( मनप्रीत सिंह झज, चरणजीत सिंह) आज जहा कोरोना ओर लोकडॉन के चलते हर काम काज की रफ्तार धीमी पड़ गई है वही पंजाब में इमिग्रेशन सेंटर, आइलेट्स सेंटर , कंप्यूटर सेंटर ,कोचिंग सेंटर, सब बंद पड़े है इनमे पड़ने वाले बच्चों का भविष्य भी पिछड़ता जा रहा है आज जब सभी शराब के ठेके खोंल दिये है ,रेस्टोरेंट खोंल दिये है बसे चला दी है वही इन सेंटरों को खोलने की भी मांग उठ रही है आज फ़रीदकोट में 100 के करीब इमिग्रेशन सेंटर, आइलेट्स सेंटर , कंप्यूटर सेंटर ,कोचिंग सेंटर, सेंटरों के मालिकों ने सरकार तक अपनी आवाज पहोचने के लिए अनोखा ढंग अपनाया इन्होंने जब सरकार ने इनके सेंटर के ताले नही खोलने की इजाजत दी तो इन्होंने बसों को सेन्टाइज कर के उनमें क्लास लगा दी के अगर सरकार बस चला ने के आदेश दसकती है तो उसी में क्लास लगा कर बच्चो को शिक्षा दी जाए जिस से इनका भविष्य न खराब हो। बसों में बाकायदा वैसी ही क्लास लगाई जैसे सेंटट में लगाई जाती है । जैसे बसों में सवारी बुलाई जाती है वैसे बच्चो को भी आवाज दे दे के कहा गया के चलो चलो आइलेट्स जिसने करना है बैठो बसों में । इन्होंने अपना रोष जाहिर करते फ़रीदकोट के डिप्टी कमिश्नर के जरिये प्रधान मंत्री के नाम मांग पत्र लिखा जिनमे जल्द से जल्द इनके सेंटट खोलने की इजाजत मांगी है ।
इस मौके इन सेंटरो के मालिकों ने मीडिया से बात करते सरकार से मांग की के इनको सेंटर खोलने की इजाजत दी जाए यह सरकार के हर हुक्म की पालना करेंगे नही तो जैसे पंजाब सरकार ने बसें चलाई है हम भी उसी में अपनी क्लास लगा कर बच्चो को शिक्षा देंगे। यह सेंटर रोजगार देने वाले है इस से नोजवानो का भविष्य बने गा । हम ने अब तक सरकार का हर हुकम माना है ।बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ न करे
ऐसे ही एक सेंटर के मालिक ने बतया के हम सरकार के खुलाफ़ इस लिए रोष जाता रहे है के अगर पंजाब सरकार पंजाब में बसे चला ने के हुक्म दिए है जिनमे 50 के करीब सावरिया बैठ सकती है तो हमारे सेंटट में बच्चे बैठ के कियो नही पढ़ सकते हम सरकार के हर हुक्म मनाने को तैयार है मगर सरकार का उन तरफ कोई ध्यान नही है और आज हम मजबूर हो कर अपने बच्चो को इन बसों में पढ़ाने को मजबूर है के सरकार जिस पोलिस के जरिए बस को चलाने की इजाजत दी है हमे भी वही पॉलिसी के तहत लागू हो अगर बचे बसों से सफर कर के जा आ सकते है तो वही बच्चे इन बसों में भी पढ़ सकते है सरकार हमें जल्द आए जल्द सेंटर खोलने की इजाजत दे । फ़रीदकोट में करीब 100 के करीब सेंटर गए है।