जिस आंगन में खेला, वहीं पंचतत्व में विलीन हुए शहीद श्यामल
- 151018477 - DEEPAK KUMAR SHARMA
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सबंग,पश्चिम मिदनापुर।
*तेरे आशिक दुआ कर चले,*
**तेरा माथा दमकता रहे।*
सच ही तो है, ये मतवाला आशिक भारत माता के माथे को और दमका कर हमेशा-हमेशा के लिए चला गया।जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए सीआरपीएफ जवान श्यामल कुमार दे शहीद हो गए,जब इस घटना की खबर उनके पैतृक गांव सबंग थानांतर्गत सिंहपुर पहुँची तो समूचा गांव अपने शहीद लाल की याद में गमगीन हो गया।उन्हें इस बात पर फक्र भी था कि वो लड़ते लड़ते शहिद हुआ।वीर सेनानी का पार्थिव शरीर दर्शनार्थ गाँव के प्राथमिक विद्यालय में रखा गया था।रात से ही गाँव वाले पथराई आंखों से तिरंगे में लिपट कर आते अपने श्यामल को देखने को आतुर थी।विद्यालय के पास ही शहीद जवान को राज्य सरकार की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया,इसके बाद घर के पास सीआरपीएफ ने गन सल्यूट दी, तत्पश्चात घर के पास ही अमर जवान का अंतिम संस्कार कर दिया गया।मात्र सत्ताईस वर्षीय शहीद श्यामल कुमार दे अपनी माता शिबानी दे और पिता बादल कुमार दे की इकलौती संतान थे।जिस आंगन की मिट्टी में श्यामल खेले कूदे,बड़े हुए, उसी आंगन में पंचतत्व में विलीन हो गए।इस अवसर पर सीआरपीएफ के आई जी प्रदीप कुमार सिंह, मिदनापुर रेंज के डी आई जी पंकज कुमार,बंगाल पुलिस के आला अधिकारी,एस पी दिनेश कुमार के अलावा तृणमूल कांग्रेस सांसद दीपक अधिकारी, राज्यसभा सांसद मानस रंजन भुंइया, सबंग से विधायक गीता भुंइया, जिला सभापति अजित माइती,भाजपा नेत्री भारती घोष के अलावा अन्य आला अधिकारी भी उपस्थित थे।ऐसे गमगीन माहौल में भी राजनीतिक सरगर्मी उफान पर थी।सभी दल तेरी कमीज से मेरी कमीज सफेद दिखाने से बाज नहीं आ रहे थे।घोष ने कहा कि केंद्र सरकार शहीदों के परिजनो को करोड़ों मुआवजा देती है वहीं राज्य सरकार न के बराबर देती है।ये बहुत ही शर्म की बात है।
सबंग, मिदनापुर से फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया के लिए पश्चिम बंगाल स्टेट इंचार्ज दीपक शर्मा(018477)की रिपोर्ट।