जालौन में मनरेगा मजदुरों के हक का निवाला छीन रहे?
स्लग- जालौन में मनरेगा मजदूरों के हक पर डांका डाल रहा ग्राम प्रधान व सचिव
रिपोर्ट-हरिमोहन याज्ञिक
स्थान- जालौन यूपी
दिनांक- 04-06-2020
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वैश्विक महामारी कोविड 19 कोरोना के संकट से एक ओर सारा देश जूझ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जालौन में इसकी मार मजदूरी करने वाले लोगों पर बेतहाशा पड़ी है,यहाँ मजदूर अब दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए जी तोड़ मेहनत करने में लगे हुए हैं। और सरकार भी मनरेगा के माध्यम से इन मजदूरों को काम देने के लिए प्रतिबद्ध है।
लेकिन जालौन के कोंच विकासखंड के ग्राम दिरावटी में मनरेगा योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार करके इन योजनाओं का पैसा व ग्राम सचिव ,ग्राम प्रधान द्वारा मिलीभगत करके अपने चहेते लोगों के खातों में डालकर इस धनराशि का खुलेआम बंदरबांट किया जा रहा है। मनरेगा में काम करने वाले ग्रामीण मजदूरों की माने तो गांव पिचले दिनों में नाले की साफ-सफाई के लिए 6 हजार का ठेका दिया गया उसमे केवल 4 मजदूरों के द्वारा कार्य को पूर्ण करा दिया गया जबकि मास्टर रोल में देखा जाए तो माजरा सन कर देने वाला नजर आता है,
यही नही इस गांव में एक और एक अजीब और गरीब मामला सामने आया है जो व्यक्ति गांव में वोटर ही नहीं है, केवल फर्जी आधारकार्ड के सहारे उसके नाम पर जॉब कार्ड जारी करके कई सालों बिना कोई मजदूरी किये हुए सरकारी धनराशि निकाल कर बंदरबांट किया जा रहा है, जब मीडिया टीम द्वारा इस व्यक्ति के अभिलेखों को जांच आ गया, तब माजरा सामने आया, और ग्रामीण मजदूर भी इस व्यक्ति के काम करने का साफ इनकार कर चुके हैं उनका कहना है शैलेंद्र सहित कई और ऐसे व्यक्ति जो दूसरे गांव के रहने वाले हैं और यह कभी काम करने नहीं आते है जबकि की धनराशि प्रधान और सचिव द्वारा बराबर निकाली जा रही है। जब इस बात पर हमने उपायुक्त श्रम रोजगार मनरेगा अधिकारी अवधेश कुमार दीक्षित से इस मामले पर बात की तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और खंड विकास अधिकारी को मौके पर भेजकर जांच करने के लिए आदेशित किया गया है और जो भी इस बंदरबांट में दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करके सरकारी धन की वसूली की जाएगी।