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विश्व पर्यावरण दिवस पर पृथ्वी को हरा भरा रखे।
  • 151041880 - BIJAY SAHAY 0



विश्व पर्यावरण दिवस पर पृथ्वी को हरा भरा रखने के लिए अंकुर सिंह किये वृक्षारोपण गाजीपुर 05 जून 2020 को समाजसेवी अंकुर सिंह के द्वारा अपने ग्राम सभा मे सैकड़ों पेड़ लगाया गया उनका कहना था कि मानव आदि काल से प्राकृतिक पर्यावरण का अभिन्न अंग रहा है। पर्यावरण से जीवन का आज भी अटूट संबंध है। जीवन को सुचारु ढंग से चलाने के लिए पर्यावरण संवर्धन व विकास की नितांत आवश्यकता है। हरे भरे वनों से आच्छादित और श्रृंगारित वसुंधरा पक्षियों के कलरव, कल -कल करती नदियों तथा विभिन्न प्रजातियों के जीव जंतुओं को अपनी असीम ऊर्जा से संरक्षित करती रही है। ऋषियों के गुरुकुल तथा आश्रम प्राचीन समय में प्राकृतिक वातावरण से भरपूर वन क्षेत्र में हुआ करते थे। युग परिवर्तन के साथ जैसे-जैसे मानव का विकास होता गया वैसे-वैसे विकास के नाम पर मानव ने आधारभूत व्यवस्था में परिवर्तन करना शुरु कर दिया। आरंभ में पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर रहने वाला मानव तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या की जरुरतों को पूरा करने तथा अपने आधुनिक विकास हेतु प्रकृति से खिलवाड़ शुरु कर दिया। नवीन जीवन पद्धति व आधुनिकता की चाह में मानव ने वन विनाश, खनिज दोहन, भूमिगत जल दोहन, अनावश्यक उर्जा उपयोग तथा प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर प्रकृति को अपने ढंग से परिवर्तित किया जिससे वैश्विक तापन, पर्यावरण प्रदूषण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण,ओजोन परत क्षरण जैसी अनेकों समस्याएं आज मानव के समक्ष सुरसा की भांति मुंह बाये खड़ी हैं, जिससे आज समस्त मानव जाति के समक्ष बढ़ते पर्यावरणीय ताप के कारण जीवन का संकट उत्पन्न होता जा रहा है। पर्यावरण प्रदूषण की बढ़ती समस्या से चिन्तित संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन 1972 में स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया। इसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी का सिद्धांत मान्य किया। इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ तथा प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया। पर्यावरण दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए उनमें प्राकृतिक संरक्षण हेतु प्रेरित करना है ताकि आनेवाली पीढ़ी को भी प्राकृतिक सम्पदा का लाभ मिल सके।

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