दुद्धी के बीडर गांव में सौतेले पुत्र ने बेवा माँ को किया बेसहारा,इस लॉक डाउन में कैसे चले गुजारा।
- 151108663 - NITISH KUMAR
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कई दिनों तक भूखे पेट सोती है बुढ़िया , कभी कभार पड़ोसियों के देने पर खाती है निवाला।
मामला चेरों बिरादरी की बीडर गांव की निवासिनी पतिया देवी के तंगहाली का।
दुद्धी। तंगहाली और लाचारी किसे कहते है इसे बीडर गांव की निवासिनी 90 वर्षीय वृद्धा पतिया देवी को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। सौतेले पुत्र ने अपने बेवा माँ को बेसहारा कर ऐसे ही छोड़ दिया है ।ग्रामीणों की सूचना पर जब बीडर गांव में पहुँचे मीडियाकर्मियों ने जब लाचार वृद्धा के घर पहुँच कर हाल जाना तो एक कमरे के घर मे टूटी चारपाई और चारो तरफ फटे चिथड़े कपड़े और समान बिखरे मिले, अस्त व्यस्त कमरे में एक मुँह वाला मिट्टी का महीनों से बुझे चूल्हे को देखकर लगा कि जैसे कई दिनों से उसने खाना नही पकाया हो।कमरे में एक राशन किट एक कोने में पड़ा मिला।ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे दुखियारी वृद्धा अपने अंतिम दिन गिन रही हो।जब वृद्धा से मीडियाकर्मियों ने कुछ पूछना चाहा तो अनजान बन बैठी वृद्धा एक कटोरे पानी से और मिट्टी से तवे को मांज रही थी।बगल से गुजर रहे युवक ओमप्रकाश ने बताया कि यह गांव के ही सुदामा चेरों की सौतेली माँ है।बेटे ने इसे यहां एक कमरे में अकेले रहने को छोड़ दिया है।वृद्धा गांव में जहां तहां से मांगकर खाना खाती है।पूछने पर पता चला कि 90 वर्षीय वृद्धा 200 मीटर दूर स्थित कूप से पानी लाकर अपनी जीवन के अंतिम दिन काट रही है।वृद्धा के पति शिवशंकर की वर्षों पूर्व देहांत हो गया है।पड़ोसी सुबेर नाथ और पनवा देवी ने बताया कि वृद्धा के बेटे ने उसे इसी हाल में इसे छोड़ दिया है उसका दुख देखा नहीं जाता।ग्रामीणों ने बताया कि ना तो उसका राशन कार्ड बना है और ना ही उसे वृद्धा पेंशन मिलता है। इस मामले में बीडीओ रमाकांत सिंह ने कहा कि अभी वे जिले पर है आते ही उसकी हाल जानने मौके पर जाएंगे।उधर ग्राम विकास अधिकारी कमलेश भारती ने कहा कि उन्हें राशन किट भेजवाई गयी है ,नहीं होता है तो सुबह शाम खाना भिजवा देंगे।राशन कार्ड उसके बेटे के नाम होगा,वृद्धा पेंशन के बारे में पता करते है।कुल मिलाकर बात यह है कि उसे दोनो टाइम राशन या खाना उपलब्ध कराने की बात नही है बात यह है कि इस बुढ़ापे में जो देख नही सकती चल नही सकती आखिर वो कैसे इन परिस्थितियों में अकेले रहेगी।