दिल्ली हिंसा पर PIL, CJI बोले- इतना दबाव नहीं झेल सकते, हमारी भी कुछ सीमाएं
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दिल्ली हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हिंसा और हेट स्पीच को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई है. इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा. हालांकि, याचिका पर सुनवाई से पहले चीफ जस्टिस एसए बोवड़े ने बड़ी टिप्पणी की.
सीजेआई एसए बोवड़े ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि लोगों को मरना चाहिए, लेकिन इस तरह का दबाव कोर्ट नहीं संभाल सकता. यह उम्मीदें होती है कि यह अदालत दंगा रोक सकती है. हम केवल एक बार कुछ हो जाने के बाद ही कुछ कर सकते हैं. हम पर एक तरह का दबाव महसूस होता है.
'हमारी शक्तियों की सीमाएं हैं'
सीजेआई एसए बोवड़े ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे कि अदालत जिम्मेदार है. हम अखबारों को भी पढ़ते हैं, हम इस मामले को सुनेंगे लेकिन यह समझना होगा कि अदालत घटना के बाद आती है. कोर्ट इसे रोक नहीं सकता. हम शांति की अपील करते हैं लेकिन हम जानते हैं कि हमारी शक्तियों की सीमाएं हैं.
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याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग
वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने चीफ जस्टिस एसए बोवड़े को बताया कि हर्ष मंदर और पांच पीड़ितों की ओर से याचिका दाखिल की गई है. इस मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत है. रोजाना लोग मारे जा रहे हैं. सत्ताधारी पार्टी के लोगों ने हिंसा भड़काने वाले बयान दिए. दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ देर मामले की सुनवाई कर 6 हफ्ते के लिए मामले को टाल दिया. इसी तरह हाई कोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में भी किया था.