दिल्ली में नकली जीरा बनाते पकड़े गए पांच व्यक्ति
- 151057375 - DHARAMPAL RAJPUT
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जलालाबाद से दिल्ली में ऑपरेट कर रहे थे नकली जीरा बनाने की फैक्ट्री
300 रुपये किलो में असली जीरा, 20 रुपये किलो सप्लाई करते थे नकली जीरा
शाहजहांपुर। मसालों में मिलावट की खबरें अक्सर सामने आती रहती है लेकिन इस बीच नकली जीरा बनाने की फैक्ट्री का भी भंडाफोड़ हुआ है। दिल्ली के बवाना में पुलिस ने नकली जीरा बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। इस फैक्ट्री में जंगली घास (जिससे फूल झाड़ू बनती है), गुड़ का शीरा और स्टोन पाउडर से जीरा बनाया जा रहा था। यह जीरा दिल्ली में ही नहीं बल्कि गुजरात, राजस्थान, यूपी व अन्य शहरों में बड़ी मात्रा में सप्लाई किया जाता था।
पांच आरोपियों किया गया गिरफ्तार: फैक्ट्री चला रहे पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन पांचो आरोपी की पहचान शाहजहांपुर की तहसील जलालाबाद के निवासी हरिनंदन, कामरान उर्फ कम्मू, गंगा प्रसाद, हरीश और पवन के रूप में हुई है। पुलिस ने इस फैक्ट्री से 19,400 किलो नकली जीरा, 5250 किलो स्टोन पाउडर, 1600 किलो फूल झाड़ू (जंगली घास) और 1225 किलो गुड़ का शीरा बरामद किया है। नकली जीरे को 80:20 के अनुपात में असली जीरा में मिलाया जाता था। इस नकली का जीरे का पूरा नेटवर्क शाहजहांपुर के जलालाबाद से जुड़ा था। नकली जीरा बनाकर लाखों रुपयें में बेचा जा रहा था। बता दे कि आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया है कि जलालाबाद व उसके आसपास क्षेत्र में नकली जीरा बनाने का बड़ा नेटवर्क काम करता है। सबसे पहले वही से नकली जीरा बनाने का काम शुरू किया था। लेकिन पकड़े जाने के डर से वहां से अपना ठिकाना बदलते रहते थे। इस फैक्ट्री का फाइनैंसर हरिनंदन बताया जा रहा है। पुलिस को आरोपियों ने बताया कि नकली जीरा को 20 रुपये प्रति किलों अपने व्यापारी को बेच देते थे, और वह आगे 100 रुपये किलों लोगों को बेचता था।
#ऐसे बनता है #नकली जीरा: पुलिस के अनुसार, नकली जीरा बनाने में सिर्फ तीन चीजों की जरुरत होती है। सबसे पहले जंगली घास जिससे फूल वाला झाड़ू बनाया जाता है। यह यूपी में नदी या नहर के किनारे पाया जाता है। यह घास इन्हें मात्र पांच रुपये किलो मिल जाती थी। घास को ट्रैक्टर या ट्रक पर झाड़ू बनाने के नाम पर खरीदकर फैक्ट्री पर लाया जाता था। इस घास में जीरे के साइज की पत्तियां होती है जिन्हें झाड़ लिया जाता है। इन पत्तियों को गर्म गुड़ के शिरे में डाल दिया जाता हैं। शीरे में डालने के कुछ देर बाद उसे बाहर निकालकर धूप में सुखाया जाता है। इसके बाद इसमें पत्थर का पाउडर मिलाया जाता है। मिक्स सामान को लोहे की छलनी से छानकर जीरा निकाल लिया जाता है। इसे सुखाकर जीरे जैसे रंग बनाने के लिए पत्थरों व स्लरी का पाउडर फिर से डाला जाता है। खास बात यह कि सामान्य जीरे की तरह इसमें किसी तरह की खुशबू नहीं होती है।