विश्व बाल अधिकार दिवस मनाया गया
20 नवंबर, को संपूर्ण विश्व में ‘ सार्वभौमिक बाल दिवस’ (Univershal Children’s Day) मनाया जाता है। इस दिवस की स्थापना वर्ष 1954 में हुई थी। इस दिवस को “ अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस” भी कहा जाता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 नवंबर, 1954 को “ बाल अधिकारों का घोषणा-पत्र ” तथा 20 नवंबर, 1989 को ही “ बाल अधिकारों पर अभिसमय ” को स्वीकार किया था। बच्चों के मानवाधिकारों को बाल अधिकार कहते हैं। इसी कारण प्रतिवर्ष 20 नवंबर को बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता तथा बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन बच्चों के अधिकारों के प्रति उनके माता-पिता तथा बच्चों को बताया जाता है। 40 प्रतिशत भारतीय बच्चे हैं कुपोषित
भारत की जनसंख्या का 40 प्रतिशत 14 साल से कम उम्र के बच्चों का है. उसमें हर सौ बच्चों में से लगभग 12 बच्चे, पांच साल से कम उम्र के हैं. 100 जीवित पैदा हुए बच्चों में से पांच की मृत्यु अपनी उम्र का एक साल पूरा करने से पहले ही हो जाती हैं. करीब 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं।भारत में सबसे ज्यादा होता है बाल श्रम अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, दुनिया भर में 21 करोड़ से अधिक बच्चों से मजदूरी करवायी जाती है, जिनमें से 1.7 करोड़ बाल श्रमिक भारत में हैं हाल ही में 14 वर्षीय ब्रिटिश अभिनेत्री मिली बॉबी ब्राउन को यूनिसेफ का सबसे युवा गुडविल एम्बेसडर नियुक्त किया गया। उनकी नियुक्ति सार्वभौमिक बाल दिवस के अवसर पर 20 नवम्बर, 2018 को की गयी।
*सार्वभौमिक बाल दिवस क्यों मनाया जाता है*...
सार्वभौमिक बाल दिवस के द्वारा बच्चों के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है, तथा सभी बच्चों को सुरक्षा व शिक्षा प्रदान किये जाने का प्रयास किया जाता है।
संपूर्ण विश्व के बच्चों के बीच में सामंजस्य स्थापित किया जा सके। विश्व के सभी बच्चों के कल्याण के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यों का संचालन किया जा सके। यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता, बच्चो के प्रति जागरूकता और बच्चो के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
बाल अधिकारों को तीन भागों में बांटा गया है, जो निम्नलिखित हैं...
*(१)जीवन जीने का अधिकार*– बच्चों का पहला हक है जीने का, अच्छा खाने पीने का, लङका हो या लङकी हो, सेहत सबकी अच्छी हो।
*(२)संरक्षण का अधिकार*– बचपन में शादी नहीं करें।
सहभागिता का अधिकार- बच्चों की भी बात सुनें।
*(३)विकास का अधिकार* बच्चों को अपने जीवन में प्रकाश का, शिक्षा का अधिकार तथा मनोरंजन करने का अधिकार।
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नेहा पटेल थाना मछलीशहर