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अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला...देश ने दिखाया भाईचारा
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शामली । मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए 2.77 एकड़ विवादित जमीन राम जन्मभूमि न्यास के सुपुर्द की। सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को पलट कर ये नया फेैसला दिया है।  सर्वोच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार को 3 महीने का समय दिया ताकि इस मामले पर योजना बनाई जाए। साथ ही न्यायालय ने सरकार को एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। यह ट्रस्ट मंदिर बनाने की रूपरेखा तैयार करेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस मसले पर आस्था और विश्वास की बुनियाद पर नहीं, कानून के आधार पर फैसला लिया गया है। न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष को जमीन देने की जिम्मेदारी योगी सरकार को सौंपी है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि, दस्तावेजों से पता चलता है कि 1885 से पहले हिन्दू अंदर पूजा नहीं करते थे। बाहरी अहाते में राम चबूतरे और सीता रसोई में पूजा करते थे। 1934 में दंगे हुए, जिसके बाद से मुसलमानों का विशेष अधिकार आंतरिक अहाते में नहीं रहा।      मुसलमान उसके बाद से अपना एकाधिकार सिद्ध नहीं कर पाए हैं। हिन्दू निर्विवाद रूप से बाहर पूजा करते रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के लगभग दो घंटे बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया जारी की। उन्होंने लिखा- देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।     उन्होंने यह भी कहा कि, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है, यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है। हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया। यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन-सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा। हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है।    गृहमंत्री अमित शाह ने सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि— 'श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूँ। मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूँ कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण एक भारत-श्रेष्ठ भारत के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें।'   श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूँ। मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूँ कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें। शामली : फुरकान पुन्डीर

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