खड़गपुर : हा!वसंत और गुलदस्ता का विमोचन ।
- 151017631 - RAMSURAT RAJBHAR
0
पश्चिम बंगाल/खड़गपुर : पुस्तकें जिंदगी के साथ साथ समाज का भी आईना होती हैं।पुस्तकें समाज को प्रतिबिंबित करती हैं।ऐसे में एक उत्कृष्ट पुस्तक का विमोचन एक अलग ही मायने रखता है। व्यंग्य गागर में सागर होता है।
आई आई टी खड़गपुर स्थित राजीव गांधी स्कूल ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ के ऑडोटोरियम में प्रो पंकज साहा द्वारा लिखित पुस्तक हा!वसंत का विमोचन किया गया।इस समारोह का आयोजन नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) खड़गपुर द्वारा किया गया, जिसमें देश के कोने कोने से आये साहित्यकारों एवं बुद्धिजीवियों ने शिरकत की।इस अवसर पर नराकास के अध्यक्ष एवं आई आई टी खड़गपुर के निदेशक प्रो श्रीमान कुमार भट्टाचार्य,भारत सरकार रक्षा मंत्रालय कानपुर के अपर महाप्रबंधक श्री अनुप शुक्ल, आई आई टी खड़गपुर के राजभाषा अधिकारी प्रो अशोक मिश्र, मानव संसाधन मंत्रालय से प्रो भृगुनाथ सिंह, आई आई टी खड़गपुर के वरिष्ठ हिंदी अधिकारी एवं सचिव नराकास डॉ राजीव कुमार रावत,वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार प्रो प्रेमशंकर त्रिपाठी के अलावा अन्य शिक्षाविद एवं बिभिन्न विद्यालयों से आये छात्र, छात्रायें उपस्थित थे।
इस अवसर पर उभरती कवियत्री नीलम अग्रवाल द्वारा लिखित गुलदस्ता पुस्तक का भी विमोचन किया गया।देश के जाने माने व्यंग्यकार प्रो आलोक पुराणिक किसी कारण से उपस्थित नहीं हो पाए इसलिए मोबाइल फोन के माध्यम से संबोधित किया।उनके लोकप्रिय व्यंग्य अगड़म बगड़म, तीन हजार सेल हैं।श्री अनुप शुक्ल ने व्यंग्यकारों पर व्यंग्य कसते हुए एक सीख दी कि कमज़ोर पर किया गया चोट कभी व्यंग्य नहीं हो सकता है।हिंदी ब्लॉगिंग के सुप्रसिद्ध रचनाकार एवं व्यंग्य लेख़क अनुप शुक्ल की सूरज की मिस्ड कॉल, झाड़े रहो, कलक्टर गंज, पुलिया पर दुनिया प्रसिद्ध रचनायें हैं।गौरतलब है कि व्यंग्य के नाम पर आज का कवि शोषित, असहाय और कमजोर तपके को अपनी रचनाओं में शामिल करता है जो सामाजिक परिपाटी पर अनुचित है।श्री शुक्ल जी ने कहा कि हिंदी का भविष्य उज्जवल है।प्रो पंकज साहा ने हा! वसंत के माध्यम से अपने जीवन के अनछुए पहलुओं को साझा किया।उन्होंने आगे कहा कि यथार्थ को समझना बहुत जरुरी है।डॉ रावत ने देश के गंभीर हालात को बहुत ही सरल ढंग से वर्णित करते हुए अपने हास्य व्यंग्य से ऑडिटोरियम में एक अलग ही शमा बांध दिया था। उपस्थित छात्र, छात्राओं ने भी कविता पाठ किया।