Chandrayaan 2 Moon Mission: विक्रम लैंडर हुआ अलग, अगले 5 दिनों में उतरेगा चांद पर
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नई दिल्ली, टेक डेस्क। Chandrayaan 2 एक नए इतिहास लिखने के करीब पहुंच रहा है। इस स्पेस शटल से आज दिन के 12:45 से लेकर 13:45 के बीच में विक्रम लैंडर सेपरेट हो गया है। ISRO से मिली जानकारी के मुताबिक, अगले 5 दिनों में यह लैंडर चांद की सतह पर कदम रख सकता है। आपको बता दें कि कल ही Chandrayaan 2 ने चांद की आखिरी manoeuvre कक्षा में कदम रखा था। ISRO ने ट्वीट करके बताया कि आज दिन के 13:15 बजे विक्रम लैंडर Chandrayaan 2 से अलग हुआ है।
Chandrayaan 2 भारत का महत्वाकांक्षी Moon Mission है। इसे 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्री हरि कोटा के सतीश धवन स्पेस रिसर्च एजेंसी से लॉन्च किया गया है। कल यानी 1 सितबंर को शाम के 6 बजकर 21 मिनट पर Chandrayaan-2 ने Manoeuvre ऑर्बिट में प्रवेश किया। Chandrayaan-2 चन्द्रमा पर 7 सितंबर को लैंड करेगा। Manoeuvre ऑर्बिट में प्रवेश की समय 11:55hrs अनुमानित की गई है।
Chandrayaan-2 ने 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा को छोड़ते हुए चन्द्रमा की कक्षा की तरफ कदम बढ़ाया था। Chandrayaan-2 के हर कदम को ISRO के वैज्ञानिक मॉनिटर कर रहे हैं। इसे ISRO के बैंगलुरू स्तिथ ट्रैकिंग कमांड नेटवर्क ISRO Telemetry के जरिए मॉनिटर किया जा रहा है। Chandrayaan-2 की अब तक की यात्रा सफल रही है। इसे 22 जुलाई को GSLV MkIII-M1 लॉन्च व्हीकल के जरिए लॉन्च किया गया था।
Chandrayaan 2: मिशन क्यों है खास?
Chandrayaan 2 दुनिया का पहला ऐसा स्पेसक्राफ्ट है जो चन्द्रमा के साउथ पोलर रीजन में सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। यही नहीं यह भारत का पहला ऐसा Moon Mission है जो पूरी तरीके से विकसित स्वदेशी तकनीक के साथ चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इस मिशन के साथ ही भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा जो चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। एक्सपेरिमेंट की बात करें तो इसमें जिन प्लेलोड्स के इस्तेमाल किए गए हैं वो चन्द्रमा की सतह पर ट्रोपोग्राफी, मिनरल आइडेंटिफिकेशन (खनिज का पता लगागा) और इसके डिस्ट्रीब्यूशन (फैलाव), मिट्टी की थर्मो-फिजिकर कैरेक्टर, सर्फेस केमिकल कम्पोजिशन और चन्द्रमा के वातावरण का अध्ययन करेंगे।