जामुडिया : सुनों जी सरकार, विकास के क्षेत्र से कोशों दूर इन इलाकों की दर्द भरी दास्तां ।
- 151017631 - RAMSURAT RAJBHAR
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पश्चिम बंगाल/जामुड़िया : भुख मौत के डर पर भी भारी पडती है, जी हां यह सच्चाई है जामुड़िया थाना अर्न्तगत दरबारडंगा बीरकुलटी सिद्धपुर क्षेत्र में अजय नदी के घाटों के आसपास रह रहे लोगों के जीवन की । सच्चाई ऐसी जो विकसित भारत को भी कुदेर कर रख दे, विकास के नाम का ढिढोरा पिटने वालों की पोल खोलती कहानी, देश और राज्य में सरकारें तो बनती है,वादे भी करती है मगर क्यां सच में विकास हो पाता है जो जनप्रतिनिधि विकास का वादा कर वोट बटोरने के चक्कर में दिन -रात हाफतें नजर आते है क्यां सच में वो जितने के बाद अपने किये वादे पर खरे उतरते है इसका सही जवाब शायद दरबारडंगा बीरकुलटी सिद्धपुर इलाकों में रहने वाले लोगों की तकलीफों से जाना जा सकता है । वैसे तो पुरे साल अजय नदी में जलस्तर कम रहता है पर बरसात के मौसम में यह उफान पर रहती है जिससे जामुड़िया पंचायत समिति द्वारा बनाया गया अस्थायी मार्ग पानी में डुब जाता है. पश्चिम बर्दवान और बीरभूम जिले के हजारों लोगों को जान हथेली पर रखकर नदी पार करना पड़ता है. बालु माफियायों द्वारा अवैध उत्खनन के चलते नदी का जलस्तर कहीं कम है तो कहीं बहुत ज्यादा. इसकी वजह से नाव भी नही चलती पर रोज़गार के साथ साथ पढ़ाई करने यहां तक की चिकित्सकीय सेवा पाने के लिए भी खतरा मोल ले कर नदी पार करना पड़ता है. बीरभूम जिले के दुर दराज के ग्रामीणों का कहना है कि सिउड़ि उनके गांव से 70 किलोमीटर दुर है तभी हर चीज़ के लिए उन्हें आसनसोल पर निर्भर रहना पड़ता है मगर बारिश में अजय नदी पार करना एक बड़ी चुनौती बन जाती है. दुसरी तरफ पश्चिम बर्दवान जिलेे के अजय नदी के आसपास रहने वाले किसानों का कहना है कि उनके खेत बीरभूम जिले में है तो अपने ही खेतों में खेती करने उन्हें भी जान हथेली पर रखकर नदी पार करनी पड़ती है. दोनों जिलों के बाशिंदों की एक ही अपील है कि इस नदी पर फौरन पुल का निर्माण कीया जाये जिससे दोनों जिलों के लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरे ।