किसानों को घाटा, फिर भी खुशहाल जिंदगी
- 151040443 - LALDEV KUMAR SINGH
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झारखण्ड में किसान विश्वनाथ महतो कदमा डीह, ने कहा कि, मैंने लम्बे समय से मक्का की खेती का सिंचाई किया, महंगा खाद डाला महंगा बीज डाला, परन्तु आज बेचते समय बाजार दर इतना गिर गया है, कि व्यापारियों को चार रुपये, पांच रुपये किलो के दर से मक्का (भुट्टा) बेचना पड रहा है|