बसपा-कांग्रेस में बढ़ी तल्खी; अमेठी और रायबरेली में प्रत्याशी उतार सकते हैं माया-अखिलेश
- 151045426 - NEETU SINGH
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लखनऊ. भीम आर्मी नेता चंद्रशेखर आजाद से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की मुलाकात के बाद उत्तरप्रदेश की सियासत का पारा गर्म हो गया। पहले सपा-बसपा गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस के छोड़ी थी। लेकिन, बदले परिदृश्य में अब इन सीटों पर भी सपा-बसपा गठबंधन अपने उम्मीदवार उतार सकता है। बुधवार को चंद्रशेखर से प्रियंका की मुलाकात के बाद लखनऊ में मायावती ने अखिलेश से मुलाकात की।सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश से बातचीत में मायावती ने कांग्रेस से दूरी बनाए रखने पर जोर दिया। साथ ही, रायबरेली और अमेठी से प्रत्याशी उतारने के मुद्दे पर भी चर्चा होने की खबर है। लोकसभा चुनावों के ऐलान के बाद अखिलेश-माया की यह पहली मुलाकात थी, जो कि प्रियंका-चंद्रशेखर की मुलाकात के तुरंत बाद हुई।
बसपा ने कांग्रेस से गठबंधन से किया इंकार
हाल ही में बसपा सुप्रीमो ने देश के किसी भी राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन न करने का भी ऐलान किया है। साथ ही, गठबंधन के बाद भी कांग्रेस के प्रति अखिलेश का रुख नरम रहा है। पिछले दिनों एक प्रेस कांफ्रेस में अखिलेश ने कहा भी था कि कांग्रेस भी सपा-बसपा के गठबंधन में शामिल है। उसे दो सीटें दी गई हैं। हालांकि, अब प्रियंका की चंद्रशेखर से मुलाकात के बाद यह तल्खी और बढ़ती हुई नजर आ रही है।
दलित वोट बैंक खिसकने का डर
उत्तरप्रदेश में सभी राजनीतिक दल दलित वोटों को लुभाने में जुटे हैं। पीएम मोदी ने कुंभ में सफाई कर्मियों के पांव धोए थे। वहीं, भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर भी दलित समुदाय से आते हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में दलित वोट बैंक पर उनकी पकड़ मानी जाती है। चंद्रशेखर ने कई बार मायावती को समर्थन देने की बात कही, लेकिन बसपा प्रमुख उन्हें भाजपा की बी टीम बता चुकी हैं। ऐसे में बसपा के सामने अपने दलित वोट बैंक को बचाए रखना बड़ी चुनौती है।