धुएं के गुबार के बीच किसी तरह जान बचाई, मदद के लिए आगे कोई नहीं आया: पीड़ितों की आपबीती
- 151045426 - NEETU SINGH
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नई दिल्ली. करोलबाग के होटल अर्पित पैलेस में मंगलवार तड़के लगी आग को बुझाने में करीब 5 घंटे लगे। सुबह जब लोग गहरी नींद में थे, तभी हादसा हुआ। इसमें 3 विदेशियों समेत 17 की मौत हो गई। दम घुटने से ज्यादातर मौतें हुईं। होटल के पांच मंजिली इमारत में कुल 46 कमरे हैं। इनमें से 37 कमरों में 53 लोग ठहरे हुए थे।
हादसे में ज्यादातर लोगों की मौत धुएं के कारण दम घुटने से हुई। होटल में म्यांमार के 7 बौद्धयात्री होटल में ठहरे थे। उनकी महिला गाइड ने दूसरी मंजिल से कूदकर जान बचाई। उनमें से एक घायल है। बिहार के गया से किराए पर लिया गया एक कैमरामैन भी मारा गया। मृतकों में एक बच्चा शामिल है। जान बचाने के लिए होटल कर्मचारी ताराचंद और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में कार्यरत असिस्टेंट कमिश्नर, सुरेश कुमार ने होटल की चौथी मंजिल से ही छलांग लगा दी। दोनों की मौत हो गई। पीड़ितों ने बताया कि कैसे उन्होंने मुश्किल से अपनी जान बचाई...