J-K में दखल से बाज नहीं आ रहा पाक, अब गिलानी को कुरैशी ने फोन मिलाया
- 151045428 - SHRUTI DUBEY
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जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान ने एक बार फिर से उकसाने वाला काम किया है. 31 जनवरी को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक को फोन किए जाने के बाद शनिवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी एक और कश्मीरी अलगाववादी नेता से कश्मीर मसले पर बात की है. रिपोर्ट के मुताबिक शाह महमूद कुरैशी ने हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी से बात की. दोनों नेताओं के बीच कश्मीर के हालात पर बात हुई है.
दोनों नेताओं के बीच फोन पर बात हुई और दोनों ने कश्मीर के मसले पर चर्चा की. इस मुद्दे पर भारत सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है. 31 जनवरी को शाह महमूद कुरैशी द्वारा मीरवाइज उमर फारूक के साथ फोन पर बातचीत किए जाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. भारत ने इस मुद्दे पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल महमूद को तलब किया था और उन्हें जोरदार फटकार लगाई थी. भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा था कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा भारत की एकता, उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन एक शर्मनाक कोशिश है.
माना जा रहा है कि शाह महमूद कुरैशी ने मीरवाइज उमर फारूक को फोन कर बताया कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़े मामलों को वैश्विक पटल पर उठाने के लिए कदम उठा रहा है. बता दें कि मीरवाइज उमर फारूक ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का चेयरमैन है.
इंडिया टुडे के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की इस हरकत पर विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री का ये कदम पाकिस्तान के नेतृत्व द्वारा भारत के साथ रिश्तों को बहाल करने के लिए उठाए जा रहे उपायों के विपरीत है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इस कदम से भारत-पाक संबंधों को लेकर उसके नेतृत्व का खोखलापन उजागर होता है.
इधर हुर्रियत कान्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने पाकिस्तान के इस कदम का स्वागत किया था. मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि पाक विदेश मंत्री ने उन्हें बताया है कि जब तक भारत और पाकिस्तान एक दूसरे से बात नहीं करेंगे, तब तक कश्मीर मसले का हल नहीं होगा. बता दें कि पाकिस्तान में इमरान खान द्वारा सत्ता संभालने के बाद राजनीतिक और नेतृत्व के स्तर पर पाकिस्तान की ये पहली बातचीत थी. वहीं मारवाइज ने कहा कि हुर्रियत कश्मीर में हिंसा समाप्त करना चाहती है और इसके लिए बातचीत ही एक मात्र जरिया है.