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आधार पर सुप्रीम फैसला, जानें- कहां जरूरी है और कहां नहीं
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शिक्षा हमें अंगूठे से सिग्नेचर तक ले गई लेकिन, अब तकनीक हमें सिग्नेचर से अंगूठे के निशान तक ले गई है। कुछ इस अंदाज में सुप्रीम कोर्ट के जजों ने बुधवार को आधार पर अपना फैसला सुनाया। बुधवार को हुई सुप्रीम सुनवाई के दौरान देश की सर्वोच्च अदालत ने आधार की संवैधानिक वैधता पर अपना फैसला बरकरार रखा। इस महत्वपूर्ण फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि आधार की जरूरत कहां है और कहां नहीं.. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार बायॉमीट्रिक डाटा को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कोर्ट की इजाजत के बिना किसी और एजेंसी से शेयर नहीं करेगी। कोर्ट ने केंद्र को हिदायत भी दी है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड न मिले। जस्टिस सीकरी ने कहा है कि आधार पर हमला संविधान के खिलाफ है। फैसला पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि ये जरूरी नहीं है कि हर चीज बेस्ट हो, लेकिन कुछ अलग भी होना चाहिए। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड ने गरीबों को पहचान और ताकत दी है। साथ ही यह भी कहा कि इसमें डुप्लीकेसी की संभावना नहीं है। आधार कार्ड पर हमला करना लोगों के अधिकारों पर हमला करने के समान है।

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