नई दिल्ली PM मोदी और राहुल गांधी के चुनावी भाषणों पर बीजेपी और कांग्रेस को मिला नोटिस, चुनाव आयोग ने मांगा जवाब नई दिल्‍ली दिल्‍ली कैपिटल्‍स के तेज गेंदबाज को लगी जोरदार फटकार, गुजरात के खिलाफ ऐसा करना पड़ गया भारी नई दिल्ली Aamir Khan की फिल्म Sitaare Zameen Par को लेकर आया बड़ा अपडेट, जानिए कब शुरू हो सकती है शूटिंग नई दिल्ली अरुणाचल में भारी बारिश के बाद भूस्खलन में बहा हाईवे, चीन की सीमा से जुड़े इलाकों से कटा संपर्क नई दिल्ली गांधीनगर में क्या फिर कमल खिलाएंगे बीजेपी के चाणक्य नई दिल्ली Royal Enfield और JAWA की मुश्किलें बढ़ाने आ रही ऑस्ट्रियन कंपनी, एक साथ लॉन्च होंगी 4 नई बाइक्स दिल्ली World Malaria Day कोविड काल के बाद दुनिया में बढ़ा मलेरिया, 95% केस अफ्रीकी देशों में, क्लाइमेट चेंज जबलपुर प्रोफेसर ने प्रत्याशी के समर्थन में किया पोस्ट तो हो गया निलंबन, एमपी में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला नई दिल्‍ली Rishabh Pant के शॉट से चोटिल हुआ BCCI का कैमरामैन, DC के कप्‍तान ने स्‍पेशल मैसेज देकर मांगी माफी
EPaper SignIn
नई दिल्ली - PM मोदी और राहुल गांधी के चुनावी भाषणों पर बीजेपी और कांग्रेस को मिला नोटिस, चुनाव आयोग ने मांगा जवाब     नई दिल्‍ली - दिल्‍ली कैपिटल्‍स के तेज गेंदबाज को लगी जोरदार फटकार, गुजरात के खिलाफ ऐसा करना पड़ गया भारी     नई दिल्ली - Aamir Khan की फिल्म Sitaare Zameen Par को लेकर आया बड़ा अपडेट, जानिए कब शुरू हो सकती है शूटिंग     नई दिल्ली - अरुणाचल में भारी बारिश के बाद भूस्खलन में बहा हाईवे, चीन की सीमा से जुड़े इलाकों से कटा संपर्क     नई दिल्ली - गांधीनगर में क्या फिर कमल खिलाएंगे बीजेपी के चाणक्य     नई दिल्ली - Royal Enfield और JAWA की मुश्किलें बढ़ाने आ रही ऑस्ट्रियन कंपनी, एक साथ लॉन्च होंगी 4 नई बाइक्स     दिल्ली - World Malaria Day कोविड काल के बाद दुनिया में बढ़ा मलेरिया, 95% केस अफ्रीकी देशों में, क्लाइमेट चेंज     जबलपुर - प्रोफेसर ने प्रत्याशी के समर्थन में किया पोस्ट तो हो गया निलंबन, एमपी में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला     नई दिल्‍ली - Rishabh Pant के शॉट से चोटिल हुआ BCCI का कैमरामैन, DC के कप्‍तान ने स्‍पेशल मैसेज देकर मांगी माफी    

कामचलाऊ उपाय
  • 151000001 - PRABHAKAR DWIVEDI 0



सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वाट्सएप की ओर से भारत में संदेश अग्रसारित (फॉरवर्ड) करने की सीमा पांच तक सीमित करने से फर्जी खबरों, अफवाहों और भड़काऊ सामग्री के प्रसार पर लगाम लग सकेगी, इस बारे में कुछ कहना कठिन है। इसलिए और कठिन है, क्योंकि यदि किसी एक शख्स ने अफवाह या भड़काऊ सामग्री पांच लोगों तक पहुंचा दी और उन पांच ने उस सामग्री को 10-20 लोगों तक भी भेज दिया तो फिर जल्द ही वह तमाम लोगों तक वैसे ही पहुंच सकती है, जैसे अभी तक पहुंच रही थी। वाट्सएप ने संदेशों को आगे बढ़ाने की सीमा पांच तक सीमित करने के फैसले के साथ ही यह भी अपेक्षा व्यक्त की है कि लोग कोई संदेश-सूचना, ऑडियो-वीडियो आदि अग्रसारित करने के पहले तथ्यों की जांच कर लें। इसमें संदेह है कि सभी लोग उसकी इस अपेक्षा पर खरे उतरेंगे। अगर लोग फर्जी सामग्री के प्रति सचेत होते तो फिर वाट्सएप इस तरह की सामग्री के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म के रूप में नहीं जाना जाता। फेसबुक के स्वामित्व वाले वाट्सएप ने संदेश अग्रसारित करने की सीमा पांच तक सीमित करके जिस तरह कर्तव्य की इतिश्री कर ली, उससे लगता नहीं कि वह अपने स्तर पर झूठी और भड़काऊ बातों पर लगाम लगाने के लिए तैयार है। दुर्भाग्य से ज्यादातर सोशल मीडिया कंपनियां इसी तरह का रवैया अपनाए हुए हैं। वे अवांछित और अराजक तत्वों को हतोत्साहित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं। वाट्सएप की ओर से उठाए गए कदमों पर सरकार का रवैया जो भी हो, इसका इस्तेमाल करने वालों को अपने रवैये पर विचार करना चाहिए। उन्हें इस सवाल पर गौर करना चाहिए कि वाट्सएप को भारत में ही संदेशों को अग्रसारित करने की सीमा में कटौती क्यों करनी पड़ी? क्या वाट्सएप के इस कदम से दुनिया को यह संदेश नहीं जाएगा कि औसत भारतीय बिना कुछ सोचे-विचारे अपुष्ट, अधकचरी और आपत्तिजनक सूचना सामग्री का प्रसार करते हैं? यह सही है कि एक नया माध्यम होने के नाते सोशल मीडिया के इस्तेमाल के तौर-तरीके कहीं भी आदर्श रूप में नहीं दिखते, लेकिन यह ठीक नहीं कि भारत इस मामले में सबसे पीछे दिखे। आज जब सोशल मीडिया की गतिविधियों के जरिए देश विशेष का चरित्र चित्रण भी होने लगा है, तब फिर यह जरूरी हो जाता है कि इस मंच का इस्तेमाल जिम्मेदारी और सतर्कता से किया जाए। वाट्सएप की मानें तो भारतीय अन्य देशों के लोगों के मुकाबले अधिक संदेश, फोटो और वीडियो अग्रसारित करते हैं। इसे कोई उपलब्धि कहना कठिन है, क्योंकि कुछ ही समय पहले यह बात सामने आई थी कि भारत में इंटरनेट डाटा की अच्छी-खासी खपत फालतू के संदेश और फोटो भेजने में होती है। बेहतर होगा कि जहां सरकार की ओर से यह सुनिश्चित किया जाए कि सोशल मीडिया कंपनियां अफवाह और आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को रोकने के कुछ ठोस उपाय करें, वहीं इस नए मीडिया का इस्तेमाल करने वाले भी सजगता का परिचय दें। इस सबके साथ केंद्र और राज्य सरकारों को यह भी समझना होगा कि अफवाहों के प्रसार के लिए सारा दोष सोशल मीडिया पर ही नहीं मढ़ा जा सकता।

Subscriber

173828

No. of Visitors

FastMail

नई दिल्ली - PM मोदी और राहुल गांधी के चुनावी भाषणों पर बीजेपी और कांग्रेस को मिला नोटिस, चुनाव आयोग ने मांगा जवाब     नई दिल्‍ली - दिल्‍ली कैपिटल्‍स के तेज गेंदबाज को लगी जोरदार फटकार, गुजरात के खिलाफ ऐसा करना पड़ गया भारी     नई दिल्ली - Aamir Khan की फिल्म Sitaare Zameen Par को लेकर आया बड़ा अपडेट, जानिए कब शुरू हो सकती है शूटिंग     नई दिल्ली - अरुणाचल में भारी बारिश के बाद भूस्खलन में बहा हाईवे, चीन की सीमा से जुड़े इलाकों से कटा संपर्क     नई दिल्ली - गांधीनगर में क्या फिर कमल खिलाएंगे बीजेपी के चाणक्य     नई दिल्ली - Royal Enfield और JAWA की मुश्किलें बढ़ाने आ रही ऑस्ट्रियन कंपनी, एक साथ लॉन्च होंगी 4 नई बाइक्स     दिल्ली - World Malaria Day कोविड काल के बाद दुनिया में बढ़ा मलेरिया, 95% केस अफ्रीकी देशों में, क्लाइमेट चेंज     जबलपुर - प्रोफेसर ने प्रत्याशी के समर्थन में किया पोस्ट तो हो गया निलंबन, एमपी में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला     नई दिल्‍ली - Rishabh Pant के शॉट से चोटिल हुआ BCCI का कैमरामैन, DC के कप्‍तान ने स्‍पेशल मैसेज देकर मांगी माफी