भविष्य बदरी के कपाट खुले, बदरीनाथ धाम से जुड़ी है मंदिर की मान्यता
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पंच बदरी में शामिल भविष्य बदरी धाम के कपाट भी सोमवार को ब्रह्ममुहूर्त में चार बजकर 30 मिनट पर भक्तों के लिए खोल दिए गए। सुभांई गांव में स्थित भविष्य बदरी मंदिर के कपाट खुलने की परंपरा बदरीनाथ धाम से जुड़ी हुई है। बदरीनाथ धाम के साथ ही यहां के कपाट भी खुलते और बंद होते हैं।
ब्रह्ममुहूर्त में पुजारी सुशील डिमरी के नेतृत्व में पुराहितों ने वेद मंत्रोच्चार और विष्णु सहस्त्रनाम पाठ व अन्य पूजाएं संपन्न कीं। इसके बाद पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मंदिर के कपाट खोले गए।
भविष्य बदरी जाने के लिए जोशीमठ से 18 किमी दूर सलधार तक वाहन से सफर करना पड़ता है। यहां से भविष्य बदरी मंदिर आठ किमी की पैदल दूरी पर है। इसके लिए पहले छह किमी दूर सुभांई गांव पहुंचना पड़ता है। जहां से मंदिर तक दो किमी की खड़ी चढ़ाई है।